राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए निजी अस्पतालों को प्राथमिक परीक्षण करने के बाद ही मरीज को रेफर करने का निर्देश दिया है……रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल ने कोरोना संदिग्ध मानते हुए महिला मरीज को जबरन बाहर निकाल दिया….स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लेते हुए रामकृष्ण अस्पताल को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है

राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए निजी अस्पतालों को प्राथमिक परीक्षण करने के बाद ही मरीज को रेफर करने का निर्देश दिया है……रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल ने कोरोना संदिग्ध मानते हुए महिला मरीज को जबरन बाहर निकाल दिया….स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लेते हुए रामकृष्ण अस्पताल को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है

रायपुर। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए निजी अस्पतालों को प्राथमिक परीक्षण करने के बाद ही मरीज को रेफर करने का निर्देश दिया है, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है. रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल ने कोरोना संदिग्ध मानते हुए महिला मरीज को जबरन बाहर निकाल दिया. जबकि मरीज आईसीयू में भर्ती भर्ती थी. जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही महिला का अभी अंबेडकर अस्पताल में इलाज चल रहा है. करोना के संदेह में एम्स सैंपल भेजा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लेते हुए रामकृष्ण अस्पताल को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है.

जानकारी के मताबिक महिला मरीज का नाम कौसर जहान है. जिसे रामकृष्ण अस्पताल रायपुर के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट में रखा गया था. कोरोना के संदिग्ध मरीज मानते हुए सैम्पल जांच के लिए AIIMS रायपुर भेजा गया था. मंगलवार रात 9 बजे अनावश्यक रूप से LAMA चिन्हित करते हुए अस्पताल से बलपूर्वक मरीज को बाहर भेज दिया गया. जिसे अंबेडकर अस्पताल भर्ती कराया गया है.

स्वास्थ्य विभाग ने रामकृष्ण अस्पताल को नोटिस जारी करते हुए कहा कि प्रदेश में लागू एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के कंडिका (5), (2) एवं (3) और नर्सिंगहोम अधिनियम 2013 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है. 24 घंटे के भीतर साक्ष्य एवं अभिलेखों सहित अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें. ऐसा नहीं करने पर एपिडेमिक रेगुलेशन एक्ट 1897 और नर्सिंगहोम एक्ट का उल्लघनं मानते हुए कार्रवाई की जाएगी.

The News India 24

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