मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की एक नया जिला ‘गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही’, इसके साथ ही 25 नए तहसील बनाने की घोषणा की
रायपुर/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रदेशवासियों को कई महत्वपूर्ण सौगात दी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एक नए जिले के निर्माण की घोषणा की। यह जिला ‘गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही’ के नाम से जाना जाएगा। इस तरह अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने 25 नई तहसीलें भी बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश निवासी अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की घोषणा के साथ ही सरकार की तरफ से गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार रूपए की सहायता और लेमरू एलीफंेट रिजर्व बनाने की घोषणा भी इस अवसर पर की। प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त कराने गांधी जयंती 2 अक्टूबर से प्रदेश में सुपोषण अभियान के शुभारंभ की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ पर आज यहां राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। उन्होंने प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन और भोजली पर्व की शुभकामनाएं भी दी। श्री बघेल ने अपने संदेश में कहा कि जनता को विभिन्न लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकारों से सशक्त करना भी हमारी विरासत है। भारत में आज जनता को जितने भी संविधान सम्मत अधिकार प्राप्त हैं, वे हमारे महान नेताओं की देन हैं। हमारी सरकार पंचायतों, नगरीय-निकायों के सशक्तीकरण के साथ ही शिक्षा, सूचना, रोजगार, खाद्यान्न सुरक्षा जैसे तमाम अधिकारों को पुष्ट करेगी। प्रदेश के विकास में गांधी-नेहरू ने नींव रखी उस विरासत को हमें आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि – सरकार प्रशासन को जनहित के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए एक ओर जहां अधिकारियों-कर्मचारियों को अपने मूल कार्यों पर ध्यान देने के लिए सचेत किया, वहीं जवाबदेही तय करने के लिए ‘लोकसेवा गारंटी अधिनियम’ का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया है। लोगों की बहु-प्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए एक नए जिले के निर्माण किया जाएगा। यह जिला ‘गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही’ के नाम से जाना जाएगा। इस तरह अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन जाएगा। इसके अलावा 25 नई तहसीलें भी बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग तबका काफी शांतिप्रिय ढंग से अपने अधिकारों की बात करता रहा है। उनके संविधान सम्मत अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश निवासी अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गौठान की सुचारू व्यवस्था के लिए निश्चित तौर पर समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सरकार की तरफ से गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार रूपए की सहायता दी जाएगी, जिससे गौठान में काम करने वाले चरवाहों को मानदेय देने सहित अन्य इंतजाम किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने लेमरू एलीफंेट रिजर्व की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में हाथियों की आवा-जाही से कई बार जान-माल की हानि होती है। इसकी एक बड़ी वजह है, हाथियों को उनकी पसंदीदा जगह पर रहने की सुविधा नहीं मिल पाना भी है। ‘लेमरू एलीफेंट रिजर्व’ दुनिया में अपनी तरह का पहला ‘एलीफेंट रिजर्व’ होगा, जहां हाथियों का स्थाई ठिकाना बन जाने से उनकी अन्य स्थानों पर आवा-जाही तथा इससे होने वाले नुकसान पर भी अंकुश लगेगा और जैव विविधता तथा वन्य प्राणी की दिशा में प्रदेश का योगदान दर्ज होगा।