प्रदेश मे लगभग 12,500 बसो का संचालन किया जा रहा था, जिससे जुड़े लगभग 52 हजार लोग इन दिनों पूरी तरीके से अपना धंधा गंवा बैठे….सरकार निकाले उचित समाधान : बस संचालक गुरूशरण सिंह भाटिया

प्रदेश मे लगभग 12,500 बसो का संचालन किया जा रहा था, जिससे जुड़े लगभग 52 हजार लोग इन दिनों पूरी तरीके से अपना धंधा गंवा बैठे….सरकार निकाले उचित समाधान : बस संचालक गुरूशरण सिंह भाटिया

पत्थलगांव। लॉकडाउन की वजह से अनेक व्यवसाय आर्थिक मंदी की मार झेल रहे है,लॉकडाउन जैसे-जैसे अपनी अवधी बढाते चले जा रहा है,वैसे वैसे इन व्यवसायों के सामने आर्थिक मंदी का दौर और गहराने लगा है, प्रदेश की यदि बात करें तो एक हजार से भी अधिक छोटे व्यवसाय पूर्णत: चौपट हो चुके है। इनके संचालकों के सामने अब अपना धंधा बचाने की नौबत आ गयी है,एक ओर प्रदेश में चल रहे लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग शहर एवं कस्बो मे अलग-अलग तरह की छूट दे रखी है तो वही कुछ छोटे धंधे सभी जगहो पर बंद होकर मंदी की मार झेल रहे है। आर्थिक मंदी के इस दौर में बस संचालको ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है। यहां के युवा बस संचालक गुरूशरण सिंह भाटिया ने बताया कि पिछले दो माह से चले आ रहे लॉकडाउन के दौरान बस संचालकों के अलावा इस व्यवसाय से जुड़े बस ड्राईवर, बस क्लीनर, बस एजेंट, टिकट अभिकर्ता आर्थिक मंदी की मार झेल रहे है। उनका कहना था कि वर्तमान के समय मे पूरे प्रदेश मे लगभग 12500 बसो का संचालन किया जा रहा था,जिससे जुड़े लगभग 52 हजार लोग इन दिनों पूरी तरीके से अपना धंधा गंवा बैठे है। उनका कहना था कि पिछले दो माह से बसों के पहिये थमे रहने के बाद भी इन्हे परिवहन विभाग का कर पूरा पटाना पड़ रहा है। इसके अलावा बसों का बीमा,बसों का रूट परमिट एवं अन्य दस्तावेजो के कर को बस संचालक पटाकर अब और अपनी कमर तोडऩे की स्थिति में पहुंच चुके है।
सरकार निकाले उचित समाधान-:बस संचालक गुरूशरण सिंह भाटिया का कहना था कि यदि जल्द ही केन्द्र एवं राज्य की सरकार इस विकट परिस्थिती का सार्थक परिणाम सोचकर सामने नही लाती है तो आने वाले समय मे बस संचालको के अलावा इससे जुडे सभी प्रकार के मध्यमवर्गीय लोग रोजी रोटी की समस्या से जुझते नजर आयेंगे। उनके द्वारा बसो का संचालन बंद रहने के समय का कर माफ करते हुये निर्धारित बीमा का समय छ: माह अधिक एवं डीजल में वैट टैक्स माफ करने के अलावा जी.एस.टी राशी भी माफ करने की अपिल की है,उनके द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के बस संचालक एवं इस व्यवसाय से जुड़े लगभग 52 हजार लोगो पर सरकार द्वारा राहत पैकेज प्रदान करने की भी मांग की है।।
छ: करोड़ की राजस्व प्राप्ति-कोरोना संक्रमण के काल में लगभग दो महिने से बसो का संचालन बंद होने से जहा आवागमन पूरी तरह चौपट हो गया है,वही अब संचालक भी धीरे-धीरे हिम्मत हारने लगे है। युवा बस संचालक गुरूशरण सिंह भाटिया ने बताया कि राज्य मे चलने वाली लगभग 12500 बसो के परिचालन से शासन को प्रति माह लगभग छ: करोड़ रूपये राजस्व के रूप मे प्राप्त होते है।
परंतु लॉकडाउन की वजह से बसो के पहिये थमे है,जिससे राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका कहना था कि इस संबंध में बस संचालकों की पीड़ा देखते हुये छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के विधिक सलाहकार ने परिवहन मंत्री को पत्र प्रेषित कर इस विकट परिस्थिति में बस संचालकों को राहत देने की मांग की है।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *