छत्तीसगढ़ रेस्टोरेंट एंड कैफे एसोसिएशन की बैठक हुई….होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सरकार से राहत की मांग की
रायपुर। देश में जारी लॉक डाउन ने व्यवसाय जगत की हालत खराब कर रखी है। छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष्य में भी हालात बेहद नाज़ुक है। आज रायपुर में होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सरकार से राहत की मांग की है। छत्तीसगढ़ रेस्टोरेंट एंड कैफे एसोसिएशन की बैठक हुई जिसमें सरकार के सामने गुहार लगाते हुए चार बिंदुओं पर अपनी मांग सामने रखी है।
एसोसिएशन के महासचिव और मंजु-ममता होटल के संचालक मिक्की दत्ता का बताया कि 17 दिन का लॉक डाउन होने के बाद आज छत्तीसगढ़ रेस्टोरेंट एंड कैफे एसोसिएशन की एक अकस्मात मीटिंग बुलाई गई थी. महीना पूरा होने के बाद सभी को यही चिंता है कि मकान मालिक को किराया कैसे दें, कर्मचारी की पगार कहां से निकाले, बैंक का ईएमआई कहां से पटाए, पीएफ ईएसआई कैसे अदा करें, बिजली का बिल कैसे भरें।
एसोसिएशन ने सरकार के सामने रखी ये मांगें
90 प्रतिशत रेस्टोरेंट किराए की जगह पर हैं। ऐसे में यदि बंद के पीरियड का किराया माफ न किया गया तो मालिकों का कहना है की होटल बंद करने के सिवाय उनके पास कोई विकल्प नहीं है।
स्टाफ को इतनी तन्ख्वाह तो हम दे देंगे की उनके घर का चूल्हा जलता रहे लेकिन बाकी पीएफ या और कोई सरकारी संस्था से मदद की अपेक्षा है।
वर्किंग कैपिटल लोन दिया जाय जिसका ब्याज एवम ईएमआई 1 वर्ष बाद चालू हो।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से डीप डिस्काउंट बंद हो और कमीशन पर सरकार एक सीमा तैयार करे।