शासन-प्रशासन की राह देखती सड़क पर चार जिन्दगी
रायपुर, 5 मार्च 2020/ यूं तो किस्सा हमारे सामने आते-जाते दिखते रहते हैं, लेकिन राह में बैठे किसी असहाय की कहानी सुनने के लिए हमारे पास समय नहीं होता या हमारा मन। ये किस्सा रायपुर के श्याम टाॅकीज के पास बुढ़ापारा गणेश मंदिर के सामने सड़क पर बैठे तीन बच्चे और उनकी मां का है। ये बच्चे-भूमिका, खुशबू और शुभम, मां का नाम तिरबेनी, पिता का नाम छेरकू, गांव-कुर्रा पटेवा, नवापारा (राजिम), जिला रायपुर।
विधुर छेरकू ने तिरबेनी को अपनी पत्नी बनाया और तीन संतान होने के बाद छेरकू ने दयावती नाम की महिला को अपना पत्नी बनाकर तिरबेनी और उनकी तीनों संतान को बेसहारा छोड़ दिया। मामला रायपुर न्यायालय में विचाराधीन है। अगली पेशी तारीख 12 मार्च 2020 है। तिरबेनी चाहती है कि उसका पति उसे अपने साथ रखे, इंदिरा आवास में हिस्सा दे और बच्चों को उनका हक मिले।
तिरबेनी की बात को माने तो उन्होंने अपनी फरियाद मुख्यमंत्री तक भी पहुंचाई, लेकिन वहां से कोई सहायता नहीं मिली। इन तीनों बच्चों और उनकी मां का सहारा स्थल फिलहाल गणेश मंदिर बुढ़ापारा के आसपास का हिस्सा है। न जाने कितनी पेशी और चलेंगी और कब तक न्यायालय का फैसला आएगा।
अब क्या इन तीनों बच्चों और उनकी मां को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता और मदद मिलेगी या यूं ही सड़क पर जिंदगी चलती जाएगी यह देखने वाली बात है।
तिरबेनी की बात को माने तो उन्होंने अपनी फरियाद मुख्यमंत्री तक भी पहुंचाई, लेकिन वहां से कोई सहायता नहीं मिली। इन तीनों बच्चों और उनकी मां का सहारा स्थल फिलहाल गणेश मंदिर बुढ़ापारा के आसपास का हिस्सा है। न जाने कितनी पेशी और चलेंगी और कब तक न्यायालय का फैसला आएगा।
अब क्या इन तीनों बच्चों और उनकी मां को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता और मदद मिलेगी या यूं ही सड़क पर जिंदगी चलती जाएगी यह देखने वाली बात है।