मुख्यमंत्री का अमेरिका प्रवास: छत्तीसगढ़ में नई संभावनाएं के खुलेंगे द्वार
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का दस दिवसीय अमेरिका प्रवास कई मायनों में सार्थक रहा। अमेरिका में भारतीय औद्योगिक निवेशकों से चर्चा छत्तीसगढ़ के लिए नई संभावनाएं के द्वार खोलेगा। अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार प्राप्त प्रो. अभिजीत बनर्जी राज्य की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ ही मानव सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन के लिए योजना बनाने में सहायता देंगे। यह गढबो नवा छत्तीसगढ़ के लिए सार्थक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का 30 से 40 प्रतिशत क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा है। जहां 50 से 60 प्रतिशत गरीबी है। यह क्षेत्र वनों से आच्छादित होने के कारण यहां सड़क, शिक्षा और विद्युत पहुंचाने में दिक्कत आती है। पर्यावरण क्लीयरेंस के कारण यहां सिंचाई परियोजनाओं को बनाने में समस्या आती है। ऐसी परिस्थितियों में अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का सामाजिक आर्थिक गतिविधयों के लिए दिए गए मार्गदर्शन और सुझाव यहां के कुपोषण और गरीबी उन्मूलन के साथ ही समावेशी विकास की दिशा में कारगर होगा और यहां के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
छत्तीसगढ़ की टीम ने इस दौरे में राज्य में औद्योगिक निवेश की संभावनाओं के बारे में वहां के अनेक औद्योगिक प्रतिनिधियों से रूबरू चर्चा की। इस टीम ने उनकी जिज्ञासाओं और प्रश्नों का न केवल समाधान किया बल्कि उन्हें राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए उत्सुक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बोस्टन, सेनफ्रांसिस्को और न्यूयार्क में कई औद्योगिक निवेशकों ने उद्योग लगाने में रूचि भी दिखाई।
छत्तीसगढ़ देश में अकेला ऐसा प्रदेश है जहां औद्योगिक निवेश के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। यहां लोहा, कोयला, बिजली और सस्ता मानव संसाधन उपलब्ध है। जल संसाधन की बात करें तो यहां हिमालय की तराई के बाद सबसे उन्नत जल प्रवाह तंत्र है। यहां 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। यहां धान का विपुल उत्पादन होता है।
राज्य सरकार ने अपनी नई औद्योगिक नीति में कृषि और वन आधारित उद्योगों के साथ ही कोर सेक्टर और आधुनिक उद्योगों को प्राथमिकता में शामिल किया है। पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए कई तरह की रियायत के प्रावधान भी रखे गए हैं। इन प्रावधानों का लाभ निवेशक उठा सकते हैं। यहां निवेश करने पर उन्हें प्राकृतिक संसाधन के साथ ही सस्ता श्रम भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने एम.आई.टी में सामाजिक आर्थिक सूचकांक पर वहां के प्रोफेसरों से चर्चा में छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों की जानकारी दी और उन्हें यहां इन क्षेत्रों में सर्वे कर डाटा तैयार करने के बारे में भी चर्चा की जिससे राज्य के विकास की दिशा निर्धारित की जा सके। हार्वड विश्व विद्यालय में उन्होंने राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना सुराजी गांव योजना की विस्तार से जानकारी दी। वहां के प्रोफेसरों ने छत्तीसगढ़ आकर इस योजना पर शोध के लिए एक टीम भेजने पर सहमति दी।
श्री बघेल अमेरिकी प्रोफेसर और विद्वानों के बीच विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में से एक हार्वर्ड मे व्याख्यान देने वाले छत्तीसगढ के पहले मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने अपने दौरे में संयुक्त राष्ट्रसंघ की कार्यप्राणाली की भी जानकारी ली और वहां अधिकारियों ने विभिन्न देशों के मुद्दों को किस प्रकार रखा जाता है तथा इन मुद्दों पर विचार विमर्श की प्रक्रिया के बारे में बताया। न्यूयॉर्क में कांसुलेट जनरल ऑफ इंडिया में यूएस इण्डिया स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप फोरम के साथ एक बिजनेस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आईटी, इलेक्ट्रानिक्स, बायोे फ्यूल, टेक्सटाईल, फार्मा, आयुर्वेद और सर्विस इंडस्ट्री में निवेश की बेहतर संभावनाएं मौजूद है।
छत्तीसगढ़ में विपुल खनिज वन, और जल संपदा के बेहतर इस्तेमाल और सही निवेश के जरिए राज्य के आर्थिक क्रिया कलापों को गति दे सकते हैं। समावेश विकास और राज्य के अनुरूप आर्थिक माडल के जरिए यहां के लोगों का जीवन स्तर उंचा करके ही छत्तीसगढ़ के पुरखों के सपनों को आकार दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का 30 से 40 प्रतिशत क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा है। जहां 50 से 60 प्रतिशत गरीबी है। यह क्षेत्र वनों से आच्छादित होने के कारण यहां सड़क, शिक्षा और विद्युत पहुंचाने में दिक्कत आती है। पर्यावरण क्लीयरेंस के कारण यहां सिंचाई परियोजनाओं को बनाने में समस्या आती है। ऐसी परिस्थितियों में अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का सामाजिक आर्थिक गतिविधयों के लिए दिए गए मार्गदर्शन और सुझाव यहां के कुपोषण और गरीबी उन्मूलन के साथ ही समावेशी विकास की दिशा में कारगर होगा और यहां के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
छत्तीसगढ़ की टीम ने इस दौरे में राज्य में औद्योगिक निवेश की संभावनाओं के बारे में वहां के अनेक औद्योगिक प्रतिनिधियों से रूबरू चर्चा की। इस टीम ने उनकी जिज्ञासाओं और प्रश्नों का न केवल समाधान किया बल्कि उन्हें राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए उत्सुक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बोस्टन, सेनफ्रांसिस्को और न्यूयार्क में कई औद्योगिक निवेशकों ने उद्योग लगाने में रूचि भी दिखाई।
छत्तीसगढ़ देश में अकेला ऐसा प्रदेश है जहां औद्योगिक निवेश के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। यहां लोहा, कोयला, बिजली और सस्ता मानव संसाधन उपलब्ध है। जल संसाधन की बात करें तो यहां हिमालय की तराई के बाद सबसे उन्नत जल प्रवाह तंत्र है। यहां 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। यहां धान का विपुल उत्पादन होता है।
राज्य सरकार ने अपनी नई औद्योगिक नीति में कृषि और वन आधारित उद्योगों के साथ ही कोर सेक्टर और आधुनिक उद्योगों को प्राथमिकता में शामिल किया है। पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए कई तरह की रियायत के प्रावधान भी रखे गए हैं। इन प्रावधानों का लाभ निवेशक उठा सकते हैं। यहां निवेश करने पर उन्हें प्राकृतिक संसाधन के साथ ही सस्ता श्रम भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने एम.आई.टी में सामाजिक आर्थिक सूचकांक पर वहां के प्रोफेसरों से चर्चा में छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों की जानकारी दी और उन्हें यहां इन क्षेत्रों में सर्वे कर डाटा तैयार करने के बारे में भी चर्चा की जिससे राज्य के विकास की दिशा निर्धारित की जा सके। हार्वड विश्व विद्यालय में उन्होंने राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना सुराजी गांव योजना की विस्तार से जानकारी दी। वहां के प्रोफेसरों ने छत्तीसगढ़ आकर इस योजना पर शोध के लिए एक टीम भेजने पर सहमति दी।
श्री बघेल अमेरिकी प्रोफेसर और विद्वानों के बीच विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में से एक हार्वर्ड मे व्याख्यान देने वाले छत्तीसगढ के पहले मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने अपने दौरे में संयुक्त राष्ट्रसंघ की कार्यप्राणाली की भी जानकारी ली और वहां अधिकारियों ने विभिन्न देशों के मुद्दों को किस प्रकार रखा जाता है तथा इन मुद्दों पर विचार विमर्श की प्रक्रिया के बारे में बताया। न्यूयॉर्क में कांसुलेट जनरल ऑफ इंडिया में यूएस इण्डिया स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप फोरम के साथ एक बिजनेस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आईटी, इलेक्ट्रानिक्स, बायोे फ्यूल, टेक्सटाईल, फार्मा, आयुर्वेद और सर्विस इंडस्ट्री में निवेश की बेहतर संभावनाएं मौजूद है।
छत्तीसगढ़ में विपुल खनिज वन, और जल संपदा के बेहतर इस्तेमाल और सही निवेश के जरिए राज्य के आर्थिक क्रिया कलापों को गति दे सकते हैं। समावेश विकास और राज्य के अनुरूप आर्थिक माडल के जरिए यहां के लोगों का जीवन स्तर उंचा करके ही छत्तीसगढ़ के पुरखों के सपनों को आकार दे सकते हैं।