नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन कर दिया है. वहीं, राम जन्मभूमि न्यास के मुताबिक, राम मंदिर का निर्माण इस साल रामनवमी से शुरू हो सकता है. बता दें कि इस ट्रस्ट में राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को अभी तक जगह नहीं मिली है.
हालांकि मंदिर ट्रस्ट की डीड के अनुच्छेद 9 और 10 में यह व्यवस्था है कि ट्रस्टी बहुमत से 2 गणमान्य हिंदुओं को ट्रस्ट में सदस्य के रूप में नामित कर सकते हैं. महंत नृत्य गोपाल दास को इसी मार्फत से ट्रस्ट में लाया जा सकता है.
महंत नृत्य गोपाल दास साधुओं के एक बहुत बड़े तबके का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन एक धड़ा इनका विरोधी भी है. ऐसे में सरकार किसी को नाराज नहीं करने का जोखिम नहीं लेना चाहती. महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद को ट्रस्ट में शामिल नहीं किए जाने से सरकार पर पक्षपात के आरोप से भी बच सकती है.
अगर ट्रस्ट में महंत नृत्य गोपाल दास को शामिल करते तो कई और अखाड़े अपनी मांग भी कर सकते थे. यही वजह है कि इसे गैर राजनीतिक रखा गया है. जिन 2 जगतगुरु को शामिल किया गया है वे अयोध्या में नहीं रहते हैं और साधुओं की राजनीति से उनका कोई खास संबंध नहीं है.
खाड़ों से जुड़े साधुओं के अलावा ज्यादातर को इससे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रस्ट में कौन है कौन नहीं. अभी तक महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल नहीं करने की पीछे की वजह यह दिखाई देती है कि सरकार किसी भी तरीके से साधुओं की सियासत से भी ट्रस्ट को दूर रखना चाहती थी.
हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि ये नया ट्रस्ट अयोध्या के संतों के साथ अन्याय है. इनको ट्रस्ट में जगह नहीं दिया जाना गलत है. हमने अन्य अखाड़ों के महंतों से बात की है. हम आगे की कार्रवाई के लिए बैठक करेंगे. अयोध्या में राम जन्मभूमि से जुडे़ महंतों में नए ट्रस्ट के लोगों के नाम पर नाराजगी है. उनका कहना है कि पुराने लोगों को शामिल न करके सरकार ने गलत किया है, वो इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.
दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने आज संतों की बैठक बुलाई है, उसमें आगे का फैसला होगा. मीटिंग का फाइनल वक्त अभी तय नहीं है. इधर, मौनी बाबा ने संगम तट पर आजतक से खास बातचीत में कहा कि वही साधु इसका विरोध कर रहे हैं, जिनके मन में सियासत है. उन्होंने कहा कि जब मंदिर निर्माण लक्ष्य है तो इस कमेटी से क्या मतलब?