नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी शुरू

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी शुरू
रायपुर, 11 दिसम्बर 2019/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों विशेषकर बस्तर अंचल के अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों और ग्रामीणजनों के उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इनके विरूद्ध पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया था। अब इन प्रकरणों की वापसी शुरू हो गई है।
राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री के भावनाओं के अनुरूप 8 मार्च 2019 को माननीय उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री ए.के.पटनायक (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समीक्षा समिति का गठन किया गया था। समिति की अनुशंसा के आधार पर छत्तीसगढ़ शासन विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की समीक्षा के पश्चात अभियोजन वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया है। विधि विभाग द्वारा इस संबंध में संबंधित आठ जिलों के जिला दण्डाधिकारियों को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-321 के प्रावधानों के तहत प्रकरणों को वापस लिए जाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति श्री पटनायक की अध्यक्षता में गठित समिति की प्रथम बैठक इस वर्ष 24 अप्रैल और द्वितीय बैठक 30 एवं 31 अक्टूबर में लिए गए निर्णय अनुरूप छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज 313 प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा करते हुए प्रकरण विधि विभाग को भेजा गया था। समिति द्वारा भारतीय दण्ड विधान के अन्य 312 प्रकरणों को पुलिस महानिदेशक द्वारा गठित एक समिति को परीक्षण हेतु भेजा गया है, जो धारा 265ए, 265बी तथा 321 सी.आर.पी.सी. के प्रावधानों के तहत अपनी रिपोर्ट पटनायक समिति को प्रस्तुत करेगी। इसके लिए पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम.अवस्थी द्वारा समिति का गठन किया जा चुका है।

The News India 24

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