सारकेगुड़ा मामला : 2012 में ही जिस शख्स ने बता दिया था मुठभेड़ फर्जी है,  FIR को लेकर अनशन पर बैठे

सारकेगुड़ा मामला : 2012 में ही जिस शख्स ने बता दिया था मुठभेड़ फर्जी है,  FIR को लेकर अनशन पर बैठे

बीजापुर। धुर नक्सल क्षेत्र और जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर 28 जून 2012 को सारकेगुड़ा में सुरक्षाबल के जवानों द्वारा बीज पांडुम मनाने जुटे तीन गांव राजपेटा, सारकेगुड़ा और कोत्तगुड़ा के ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी. इस घटना में 7 नाबालिग सहित 17 लोग सामूहिक नरसंहार में मारे गए थे.

इस घटना के तत्काल बाद सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार मौके पर पहुँचे थे, गाँव वालों से मिले थे, पीड़ित परिवार वालो से मिले थे और उन्होंने कहा था कि मुठभेड़ फर्जी है. निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर मारा गया. उन्होंने इस मामले में पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने संघर्ष किया. अब जब 7 साल बाद फैसला आया न्यायिक जाँच आयोग ने माना कि मुठभेड़ में मारे गए आदिवासी नक्सली नहीं थे. मारे गए लोग निर्दोष थे.

अब इसी मामले को 2012 में ही मुठभेड़ को फर्जी बताने वाले हिमांशु कुमार घटना के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व डीजीपी विश्वरंजन, तत्कालीन बस्तर आईजी टीजे लांगकुमेर, तत्कालीन आईबी चीफ मुकेश गुप्ता, तत्कालीन एसपी प्रशांत अग्रवाल, सीआरपीएफ डीआईजी एलांगो, तत्कालीन थाना प्रभारी इकबाल पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. इस मांग को लेकर हिमांशु कुमार बासागुड़ा थाना में ग्रामीणों के साथ अनशन पर बैठ गए हैं.

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *