भाजपा को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं : कांग्रेस

भाजपा को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं : कांग्रेस
कांग्रेस ने जारी किया भाजपा की केन्द्र सरकार के किसान विरोधी रवैये का सबूत
 
भाजपा को किसानों से हमदर्दी होती तो 2500 रू. में धान खरीदी न रोकने के लिये अपनी केन्द्र सरकार को कहती
 

रायपुर/04 दिसंबर 2019। भाजपा के किसान विरोधी रवैये पर कड़ा प्रहार करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं। भाजपा को हमदर्दी होती तो अपनी केन्द्र सरकार को कहती कि 2500 रू. में धान खरीदी पर रोक न लगायें। हल्ला बोलना है तो रमन सिंह और धरमलाल कौशिक दिल्ली जाकर हल्ला बोलें, जहां भाजपा की केन्द्र सरकार किसानों को 2500 रू. धान का दाम देने से छत्तीसगढ़ की सरकार को रोकने के लिये चिट्ठियां लिख रही है एमओयू कर रही है दबाव डाल रही है। रमन सिंह और भाजपा के नेताओं ने किसानों को धान बेचने से रोकने की भरपूर कोशिश की। भाजपा नेताओं ने किसानों के लिये 2500 रू. की मांग की है। भाजपा की केन्द्र सरकार कांग्रेस की राज्य सरकार को चिट्ठी लिखती है कि किसानों को 2500 रू. दाम न दिया जाये। यदि छत्तीसगढ़ सरकार 2500 रू. देगी तो छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चांवल सेन्ट्रल पूल में नहीं लिया जायेगा। ये तो सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी का दोहरा आचरण है। भाजपा की मोदी की केन्द्र सरकार 2500 रू. देने पर रोक लगा रही है और यहां के भाजपा नेता 2500 रू. देने की मांग कर रहे हैं। अगर रमन सिंह जी वाकई किसानों को 2500 रू. दिलाना चाहते है तो रमन सिंह जी को दिल्ली जाकर मांग करना चाहिये। रमन सिंह जी को जंतर-मंतर में मोदी सरकार से अमित शाह, रामविलास पासवान जी से मांग करना चाहिये कि छत्तीसगढ़ की सरकार को 2500 रू. में धान खरीदी करने से न रोका जाये। 2500 रू. में धान खरीदी में कोई रोकटोक भाजपा की केन्द्र सरकार के द्वारा न लगायी जाये। रमन सिंह जी नगपुरा जैसी जगहों में जाकर अपनी मेहनत और ऊर्जा व्यर्थ बर्बाद कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ सहित नगपुरा के किसानों ने भारतीय जनता पार्टी को रमन सिंह जी को रिजेक्ट कर दिया। नगपुरा में 1816 किसानों ने अपना धान उसी दिन बेचा है, जिस दिन रमन सिंह वहां गए थे। प्रदेश के किसानों को भूपेश बघेल जी की सरकार पर पूरा भरोसा है, विश्वास है। ऐसा ही विश्वास पिछले साल भी था, जब 1750 रू. में रमन सिंह सरकार धान खरीदी कर रही थी। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 1750 रू. और 2500 रू. की बीच की अंतर की राशि है वो कांग्रेस की सरकार ने मुख्यमंत्री किसानों को दी है। कर्ज जिन किसानों से पटा लिया गया, ले लिया गया, उनका धान जमा कर लिया गया तो उन किसानों को कर्जमाफी की राशि अलग से भूपेश बघेल की सरकार ने दी। इस बार भी भाजपा सरकार ने 1815 रू. और 1835 रू. और भूपेश बघेल सरकार की 2500 रू. के अंतर की राशि किसानों को उसी तरह निश्चित रूप से दी जायेगी जैसे भूपेश बघेल सरकार ने धान के अंतर की राशि 2018 में और कर्जमाफी की राशि दी थी। कांग्रेस की सरकार किसानों की सरकार और छत्तीसगढ़ की सरकार है।
कांग्रेस के आरोपों और भाजपा के किसान विरोधी रवैये का सबूत जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 24 अक्टूबर का पत्र रविकांत सचिव भारत सरकार सेंट्रल पूल में राज्य की जरूरतों के मुताबिक ही प्रोक्योरमेंट करती, यानी कोई चावल खरीदी करती ही नहीं, जो रमन सरकार में होती थी। भाजपा के मोदी सरकार द्वारा कारण बता रहे है कि चावल के सेंट्रल पूल का स्टाक बंफर से अधिक है। इसी पत्र से खुलासा हो रहा है कि भाजपा की केन्द्र सरकार के मुताबिक किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से अधिक राशि देने से अनाज के बाजार मूल्य में वृद्धि होती है और फसल चक्र में दीगर फसलों की उपेक्षा होती है। भाजपा की केन्द्र सरकार जानबूझकर और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति खराब करने की साजिश में संलिप्त है। यही कारण है कि राज्य की आर्थिक स्थिति खराब नहीं होने के बावजूद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह जी बार-बार  कह रहे है कि राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है।

संलग्नः- 24 अक्टूबर का रविकांत सचिव भारत सरकार का पत्र।

The News India 24

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