रायपुर। साक्षर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत प्रेरकों का मामला सदन में उठा. जेसीसी विधायक रेणु जोगी ने पूछा कि चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने ये वादा किया था कि प्रेरकों का नियमतिकरण करेंगे या दूसरे विभागों में संविलियन किया जाएगा? लेकिन अब तक नहीं किया गया. रेणु जोगी ने गीत की चंद लाइनों का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या हुआ तेरा वादा?
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा कि प्रेरकों की नियुक्ति मिशन मोड पर की गई थी. भारत सरकार ने पत्र लिखकर ये कहा था कि 31 मार्च के बाद नहीं बढ़ाई जाएगी.भारत सरकार के इस पत्र के बाद राज्य ने चार बार केंद्र को प्रेरकों की कार्य अवधि बढ़ाने के लिए पत्र लिखा.
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी पूछा कि क्या हुआ तेरा वादा? वादा निभाना पड़ेगा, नहीं तो विपक्ष में आना पड़ेगा. जोगी ने कहा कि हर सवाल पर मंत्री भारत सरकार का हवाला दे रहे हैं. प्रेरकों की नौकरी बनी रहेगी ये वादा तब के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने किया था. कांग्रेस ने किया था. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हर बात पर राज्य सरकार कहती है भारत सरकार जिम्मेदार है.
राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर दीजिए
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने कार्यक्रम बंद कर दिया है, लिहाजा प्रेरकों को नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर बोले, आप जब हर बात में, हर बयान में भारत सरकार का हवाला देते हैं, तो ऐसे में अनुशंसा कर दीजिए कि हम सरकार चला नही पा रहे है, यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए. जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि ये पब्लिक है सब जानती है, ये पब्लिक है.