मुंगेली। दीपों का त्यौहार दीपावली नजदीक आते ही कुम्हार और ग्रामीण मिट्टी के दिये बनाने में जुट जाते हैं। लेकिन कई बार इन्हें अपने दियों का उचित मूल्य नहीं मिलता है। बाजार में मिट्टी के दीयों की जगह अब चाइनीज दीपकों, बिजली की लाइटों व मोमबत्ती ने ले ली है। आधुनिकता के कारण चाइनीज सस्ते दीये, मोमबत्ती, बिजली की टिमटिमाती झालरों की रोशनी ने लोगों को सबसे ज्यादा लुभाया। इसके चलते मिट्टी के दिये खरीदी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिले के कलेक्टर ने एक अनूठा निर्देश निकाला है। दरअसल दीपावली त्यौहार पर मिट्टी के दीये बनाकर बेचने वाले लोगों से गांव में बाजार कर की वसूली की जाती थी। लेकिन इस बार कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने शानदार पहल की शुरूआत कर बाजार कर वसूली नहीं लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
इस पहल का उद्देश्य है कि ग्रामीणों को मिट्टी के दिए का उचित मूल्य मिल सके ताकि वो इस पुश्तैनी काम से जुड़े रहें। दीपावली पर मिट्टी के दीयों का ही इस्तेमाल करें और अपने साथ- साथ कुम्हारों के घरों को भी रोशन करें।