प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना: चयनित ग्रामों का सर्वागीण विकास सुनिश्चित करें – डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक
रायपुर, 01 अक्टूबर 2019/ आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव की उपस्थिति में आज मंत्रालय में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। डॉ. टेकाम ने कहा कि योजना के तहत चयनित ग्रामों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करें।
बैठक में पेयजल और जीवन कौशल कार्यों सहित कुपोषण को दूर करने को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। योजना में लक्षित अनुसूचित जाति वर्ग मुख्यधारा में लाने के लिए अधोसंरचना के साथ ही सामाजिक और आर्थिक उत्थान के कार्य करने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हर तीन माह में आयोजित की जाए और बैठक में संबंधित जिले के कलेक्टर और मैदानी अधिकारियों को भी बुलाया जाए तथा सर्वे की स्थिति का आंकलन किया जाए। योजना में चयनित गांवों में विकास कार्यो के लिए दी जाने वाली राशि का उपयोग लक्षित वर्ग के लिए ही होना चाहिए।
बैठक में मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि योजना के तहत एक-एक गांव में सभी विभागों के काम लेकर अधोसंरचना विकास किया जाए। प्रथम चरण में 175 गांव क्या-क्या कार्य हुए, इन कार्यों से वहां क्या परिवर्तन हुआ तथा कौन से कार्य करना है इसकी जानकारी संकलित की जाए। प्रथम चरण में चयनित गांव के कार्यों को पूरा किया जाए। चयनित ग्राम में लक्षित वर्ग की आवश्यकता अनुसार सर्वे कर ग्राम की विकास योजना बनाई जाए।
मंत्रीद्वय ने बैठक में गांव की विकास योजना के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास योजना तैयार करते समय स्कूलों में ड्राप आऊट, मातृ और शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण का ध्यान रखा जाए। सभी महत्वपूर्ण संकेतकों के स्तर कम से कम राष्ट्रीय औसत तक करने का प्रयास हो। योजना के तहत चयनित प्रत्येक ग्राम के लिए दी जाने वाली 20 लाख रूपए की राशि का उपयोग गैप फिलिंग में किया जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले चुनिंदा गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत केन्द्र द्वारा प्रथम चरण में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2017-18 तक 175 और द्वितीय चरण में वर्ष 2018-19 में 243 ग्रामों का चयन किया गया। छत्तीसगढ़ में 2011 की जनगणना के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वाले 1052 ग्राम है। द्वितीय चरण में चयनित ग्रामों के लिए जारी 10 संकेतकों में पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, समाज सुधार, ग्रामीण सड़के और आवास, विद्युत और स्वच्छ इंधन, कृषि पद्धतियां, वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण और जीवन-यापन एवं कौशल विकास को शामिल किया गया है। इन संकेतकों के आधार पर भी ग्राम विकास की कार्ययोजना तैयार होगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत चयनित ग्रामों में सर्वे का कार्य 70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसमें ऑनलाइन एण्ट्री की व्यवस्था है, जिसके आधार पर कार्ययोजना तैयार की जानी है।
बैठक में सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास श्री डी.डी. सिंह, विशेष सचिव आवास एवं पर्यावरण सुश्री संगीता पी., संचालक आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास श्री मुकेश बंसल सहित संबंधित विभाागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।