केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह की बयान की कांग्रेस ने की कड़ी निंदा
दंतेवाड़ा में कांग्रेस की जीत से भाजपा नेता बौखलाये-कांग्रेस
रायपुर/27 सितंबर 2019। दंतेवाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत को केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने नक्सलवाद की जीत करार दिया। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह के बयान की कड़ी निंदा की और दंतेवाड़ा की जनता का अपमान का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि दंतेवाड़ा उपचुनाव में मिली करारी हार से भाजपा के नेता बौखला चुके है। दंतेवाड़ा उपचुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की 8 महीने की सरकार की उपलब्धियों और जनहितैषी फैसले पर दंतेवाड़ा की जनता ने अपना मुहर लगाया है। दंतेवाड़ा उपचुनाव कांग्रेस की जीत, दंतेवाड़ा की जनता की जीत है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह दंतेवाड़ा में जीत को नक्सलवाद की जीत बता कर लोकतंत्र का अपमान किया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मांग की है कि केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को अपने बयान के लिए छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगना चाहिए। जनादेश का अपमान करना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अनादर करना भारतीय जनता पार्टी का संगठनात्मक गुण है। दंतेवाड़ा की जनता ने भाजपा को नकार कर बस्तर को भाजपा मुक्त बना दिया है। भाजपा के नेताओं को आत्ममंथन करना चाहिए, आत्म चिंतन करना चाहिए, 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद 15 विधानसभा सीट में क्यो सिमट गये ? अब 8 महीने बाद दंतेवाड़ा के उपचुनाव में भी करारी हार क्यों हुई? छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा से किनारा क्यों करने लगी?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता अपने बिगड़े बोल के लिए चर्चित है। भाषा की मर्यादा लांघना भाजपा नेताओं के लिए आम बात है। भाजपा नेताओं के बदजुबानी के कारण कई बार भाजपा नेताओं को फजीहत से भी गुजरना पड़ा है। केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह को 15 साल भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ में 14 जिलों तक पहुंचे नक्सलवाद की जिम्मेदारी लेना चाहिये। राज्य निर्माण के समय बस्तर के तीन सीमावर्ती विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद रमन शासनकाल में 14 जिलों तक फैला। भाजपा नेताओं को यह अधिकार है कि विपक्षी होने के नाते सरकार के उन फैसलों का विरोध करें, जिन फैसलों से जनता का अहित होने की संभावना है। लेकिन भाजपा के नेता कुटिल मानसिकता के चलते स्तरहीन बयानबाजी कर रहे है। जो मोदी सरकार के विफलताओं को छुपाने के लिए उल-जुलुल बयानबाजी कर जनता के बीच में बने रहने की नाकाम कोशिश मात्र है।