कांग्रेस भवन में प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में प्रोफेसर खेड़ा को श्रद्धांजली अर्पित की गई
बिलासपुर ! आज कांग्रेस भवन में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला कांग्रेस, शहर कांग्रेस, कांग्रेस पार्षद दल, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस के संयुक्त बैठक सम्पन्न हुई, बैठक के अंत में प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रोफेसर खेड़ा के दुखद निधन पर शोक व्यक्त किया, उनके जीवन, त्याग, तपस्या और सादगी को लेकर अपनी बातें कही, उन्होंने कहा कि प्रोफेसर खेड़ा ने एक संत की तरह जीवन व्यतीत किया, उन्होंने अपने जीवन से समाज को विशेषकर आदिवासी बच्चों को केवल दिया, कभी कुछ संचय नहीं किया, यही संत की परिभाषा होती है, प्रोफेसर खेडा सही मायनों में संत थे, उनका बिलासपुर आना आदिवासी बच्चों के बीच काम करना, हमेशा समाज को प्रेरणा देता रहेगा। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई, सभा में विधायक शैलेश पाण्डेय, विधायक श्रीमती रश्मि सिंह, पूर्व सांसद कमला मनहर, प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेयी, सियाराम कौशिक, जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय सहित जिले, शहर एवं समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे।
प्रोफेसर प्रभुदत्त खेड़ा के निधन समाज की अपूर्णनीय क्षति
बिलासपुर ! प्रोफेसर प्रभुदत्त खेड़ा के दुखद निधन पर अपनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं सांसद प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव ने कहा कि प्रोफेसर प्रभुदत्त खेड़ा सही मायनों में गांधीवादी, गांधीविचारक, समाज सेवक और शिक्षावद थे, जिन्होंने दिल्ली से प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त होने के पश्चात् लगभग 30 वर्षों से बिलासपुर के अचानकमार के लमनी और छपरवा में बैगा आदिवासियों की सेवा कर रहे थे, आदिवासी बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगा रहे थे, श्रीवास्तव ने कहा कि हमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को देखा तो नहीं है, लेकिन दावे के साथ कह सकते हैं कि वे प्रभुदत्त खेड़ा की तरह ही होंगे, जिन्होंने सादगी भरा जीवन पूरे जीवन जीया। मैं और मेरी पार्टी कांग्रेस की ओर से उनको अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली अर्पित करता हूँ, उनका निधन समाज की अपूर्णनीय क्षति है।