आदिवासी आरक्षण के लिये विधानसभा के विशेष सत्र का स्वागत – कांग्रेस
- आदिवासी समाज और जनता ने भाजपा के चक्का जाम की नौटंकी को नकार दिया
- रमन सरकार की लापरवाही से आरक्षण कम हुआ कांग्रेस सरकार बहाल करेगी
रायपुर/ 09 नवंबर 2022। आदिवासी समाज के आरक्षण के लिये विधानसभा का विशेष सत्र बुलाये जाने का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस कदम से साफ हो गया कि कांग्रेस आदिवासी समाज को उनका आरक्षण देने के लिये प्रतिबद्ध है और भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार की बदनीयती और लापरवाही के कारण हाईकोर्ट में आदिवासी समाज का आरक्षण कम हुआ है और आदिवासी समाज का 32 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने कांग्रेस सरकार प्रयास कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षण की कटौती को लेकर भाजपा के द्वारा किये गये चक्का जाम की नौटंकी को जनता और आदिवासी समाज ने नकार दिया। प्रदेश में कही भी चक्का जाम सफल नहीं हुआ। लोग समझ चुके है कि रमन सरकार की लापरवाही ओर बदनीयती के कारण ही होईकोर्ट में आरक्षण कम हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा की बदनीयती के कारण ही यह अप्रिय स्थिति निर्मित हुई है। आरक्षण को बढ़ाने का निर्णय हुआ उसी समय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार को अदालत के सामने आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की विशेष परिस्थितियों और कारण को बताना था। तत्कालीन रमन सरकार अपने इस दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर पायी। 2012 में बिलासपुर उच्च न्यायालय में 58 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर हुई तब भी रमन सरकार ने सही ढंग से उन विशेष कारणों को प्रस्तुत नहीं किया जिसके कारण राज्य में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत किया गया। आरक्षण को बढ़ाने के लिये तत्कालीन सरकार ने तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में मंत्री मंडलीय समिति का भी गठन किया था। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी कमेटी बनाई गयी थी। रमन सरकार ने उसकी अनुशंसा को भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जिसका परिणाम है कि अदालत ने 58 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को रद्द कर दिया। रमन सरकार की बदनीयती से यह स्थिति बनी है।