नान घोटाले और चिटफंड घोटाले की ईडी की जांच की मांग से रमन सिंह घबरा क्यों रहे? -कांग्रेस

नान घोटाले और चिटफंड घोटाले की ईडी की जांच की मांग से रमन सिंह घबरा क्यों रहे? -कांग्रेस
  • रमन सिंह के पत्रकार वार्ता का कांग्रेस ने दिया जवाब
  • जब कुछ किया नहीं तो रमन सिंह जांच से डर क्यों रहे है?
  • सीएम मैडम, सीएम सर और चिटफंड कंपनी उद्घाटन करने वाले बेनकाब होना चाहिये

रायपुर/09 नवंबर 2022। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पत्रकार वार्ता का जवाब देते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा नान घोटाले और चिटफंड घोटाले की जांच के लिये ईडी को पत्र लिखने पर रमन सिंह इतने घबराये हुये क्यों हैं? रमन सिंह की तिलमिलाहट और बयानबाजी बता रही है कि रमन सिंह को नान घोटाले और चिटफंड घोटाले की ईडी से जांच की बात नागवार गुजर रही है। रमन सिंह को जांच की बात से किस बात का डर सता रहा है? नान गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का डाका डाला गया है, जब इतनी बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है, नान डायरी में सीएम सर, सीएम मैडम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम जैसे दर्जनों नामों का उल्लेख है जिनका मोटी-मोटी रकम देने का भी उल्लेख है। ऐसे में इस अवैध लेनदेन की जांच यदि ईडी करती है तो इसमें रमन सिंह को क्या पीड़ा है?


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह बतायें कि उन्हें नान घोटाले और चिटफंड घोटाले 
की ईडी की जांच से आपत्ति क्यों है? ईडी पर तो रमन सिंह की भाजपा को अटूट भरोसा है फिर उससे जांच की मांग में उनको तकलीफ किस बात की हो रही है? राज्य सरकार एसआईटी बना कर जांच करवाती है तो उसमें भी रमन सिंह को आपत्ति होती है। उनके पूर्व नेता प्रतिपक्ष अदालत जाकर जांच रोकने के लिये पीआईएल लगाते है जब ईडी से जांच की बात होती है तो उनको तकलीफ हो रही है। जब कुछ किया नहीं तो डर क्यों रहे है?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के शासनकाल के 15 साल में चिटफंड कंपनियों ने सरकार के संरक्षण में जनता को लूटने का बड़ा षड़यंत्र बनाया था। फर्जी चिटफंड कंपनियों के कार्यालयों का उद्घाटन स्वयं रमन सिंह, उनकी पत्नी और सांसद पुत्र ने किया था। रमन मंत्रिमंडल के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों ने चिटफंड कंपनियों के दफ्तरों का उद्घाटन किया था। सरकारी रोजगार मेले में चिटफंड कंपनियों के स्टॉल लगे थे जिनके माध्यम से एजेंटों की भर्तियां हुई थी। इन चिटफंड कंपनियों ने राज्य की जनता से 6,000 करोड़ से अधिक रू. की उगाही किया था। राज्य की पुलिस चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध जांच कर रही कुछ कंपनियों की संपत्तियां कुर्क कर लोगों के पैसे भी वापस करवाया जा रहा। यदि 6,000 करोड़ रू. का अवैध लेनदेन हजारों लोगों के साथ हुआ है तो इस मामले की 
ईडी से जांच की मांग पर रमन सिंह क्यों घबरा रहे हैं?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नान घोटाला और चिटफंड घोटाला रमन सिंह सरकार का वह घोटाला है जिसमें सीधे आम आदमी के साथ लूट की गयी है। इन दोनों ही घोटालों में तत्कालीन सरकार के प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के प्रमाण भी सामने आये है और इसमें 
रुपयों का भी लेनदेन हुआ है। किसी भी प्रकार के नगदी अवैध लेनदेन की जांच प्रत्यावर्तन निदेशालय के द्वारा की जानी चाहिये। इन दोनों ही मामलों में पुलिस अपना काम कर रही है और आपराधिक मामलों की जांच भी हो रही। रमन सिंह तो स्वयं को ईडी का प्रवक्ता भी घोषित कर चुके है ऐसे में उन्हें स्वयं होकर ईडी से जांच की मांग का समर्थन करना चाहिये। रमन सिंह की घबराहट और बौखलाहट बताती है कि वे जांच की मांग से डर रहे है।

The News India 24

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