भाजपा और भाजपा की बी टीम की सांठगांठ के कारण जोगी जी का जाति मामला अब तक लंबित रहा

 
अजीत जोगी जी का जाति मामला भाजपा और उसकी बी टीम की मिलीभगत का काला इतिहास
अजीत जोगी जी के जाति मामले में यदि फैसला होगा तो यह छत्तीसगढ़ के लिये नुकसान नहीं फायदे की बात होगी
रायपुर/20 अगस्त 2019। राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी के जाति मामले में बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया में प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार तो पुरखों के सपनों का छत्तीसगढ़ बनाने के लिये निरंतर काम कर रही है। भूपेश बघेल जी की सरकार ने कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ के संसाधन, विकास की संभावनाएं, लोकजीवन, जनजीवन की चुनौतियाँ, हमारे समाज की संरचना, जनता की आकांक्षाएँ, सपनों और लक्ष्य के मुताबिक काम किया है। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह जी की सरकार ने तो जानबूझकर प्रक्रियागत त्रुटियां करके अजीत जोगी जी के लंबे समय से लंबित जाति के मामले पर फैसले को रोका है। रमन सरकार के कार्यकाल में लगातार प्रक्रिया पर सवाल लगाकर अजीत जोगी जी की जाति के मामले में निर्णय को बाधित किया जाता रहा। उच्च न्यायालय में हाईपावर छानबीन कमेटी की सिफारिशों को जमा करके भी विधानसभा चुनावों के ऐन पहले रमन सिंह सरकार ने वापस लिया। भाजपा की बी टीम को मदद पहुंचाने के लिये रमन सिंह सरकार ने अजीत जोगी जी के जाति मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की स्पष्ट अनदेखी की जाती रही।
अजीत जोगी जी द्वारा कांग्रेस सरकार पर जाति मामले में लगाये गये निराधार एवं तथ्यहीन आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अजीत जोगी जी के जाति मामला में यदि फैसला होगा तो यह छत्तीसगढ़ के लिये नुकसान नहीं फायदे की बात होगी। 2003 का विधानसभा चुनाव भाजपा ने अजीत जोगी के नकली आदिवासी होने के मुद्दे पर लड़ा था और जीत भी हासिल की थी। चुनाव के बाद अजीत जोगी जी के नकली आदिवासी होने के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ी गयी। सर्वोच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2011 को बिलासपुर कलेक्टर पीटिशनर वाले जिस  मामले में आदेश दिया। इस आदेश में माधुरी पाटिल के मामले का संदर्भ आदेश 14 के पैरा क्रमांक 5, 6, 9 में दिया गया था और डे-टू-डे हियरिंग कर दो माह में जांच के आदेश दिये गये थे। रमन सिंह सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दो माह में फैसले देने के निर्देशों के बावजूद दो साल बाद जनवरी 2013 में ले देकर कमेटी बनाई। उच्च स्तरीय जांच समिति का प्रतिवेदन दिनांक 22/04/2013 अदालत में जमा किया गया। 22.6.2013 को पूरक प्रतिवेदन उच्च न्यायालय में जमा भी किया गया। हाई कोर्ट में 18/9/2013 को आपसी सहमति से अजीत जोगी जी और रमन सिंह की सरकार के बीच समझौता कर यह प्रतिवेदन और मामला वापस ले लिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी और भाजपा के संबंधों पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अजीत जोगी जी का जाति मामला भाजपा और भाजपा की बी टीम की मिलीभगत का काला इतिहास है। छजका और भाजपा की मिलीभगत छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोई नयी बात नहीं है। छजका का गठन ही भाजपा और रमन सिंह जी को सत्ता में बने रहने में मदद के लिये हुआ था। भाजपा की बी टीम ने 15 साल तक भाजपा की भरपूर मदद की। 2018 के छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी छजका ने भाजपा की बी टीम की तरह काम करते हुये भाजपा की मदद करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। छत्तीसगढ़ की जनता ने छजका और भाजपा के इस नापाक गठबंधन को बखूबी समझ कर 2018 के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह से नकार दिया था। छत्तीसगढ़ में सत्ता में काबिज रहने में भाजपा और रमन सिंह जी की भरपूर मदद करने के का काम छजका ने किया है। छत्तीसगढ़ की राजनीति को समझने वालों के लिये यह कोई नई बात नहीं है।

 शैलेश नितिन त्रिवेदी
महामंत्री एवं अध्यक्ष संचार विभाग

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
संलग्न : अजीत जोगी के जाति मामले के प्रमुख बिन्दु
अजीत जोगी के जाति मामले के प्रमुख बिन्दु 06.07.2019
 
 सुप्रीम कोर्ट ने अजीत जोगी जी के जाति मामले में 13 अक्टूबर 2011 को आदेश दिया था।

 इस याचिका में पीटीशनर कलेक्टर बिलासपुर थे।
 माधुरी पाटिल के मामले का संदर्भ आदेश 14 के पैरा क्रमांक 5, 6, 9 में दिया गया था और डे-टू-डे हियरिंग कर दो माह में जांच के आदेश दिये गये थे।
 रमन सिंह सरकार ने दो साल बाद जनवरी 2013 में कमेटी बनाई। उच्च स्तरीय जांच समिति का प्रतिवेदन दिनांक 22/04/2013 अदालत में जमा किया गया। 22.6.2013 को पूरक प्रतिवेदन भी किया गया।
 हाई कोर्ट में 18/9/2013 को आपसी सहमति से अजीत जोगी जी और रमन सिंह की सरकार के बीच समझौता कर यह मामला वापस ले लिया गया।
 अमित जोगी ने 28/10/2013 को जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया और 31/10/2013 को स्थायी जाति प्रमाण पत्र एडिशनल कलेक्टर बिलासपुर द्वारा जारी कर दिया गया।
 कलेक्टर बिलासपुर सुप्रीम कोर्ट में अजीत जोगी के खिलाफ पीटीशनर है जिसकी छानबीन की प्रक्रिया 5 साल में भी पूरी नहीं हो पायी है और एडिशनल कलेक्टर तीन दिन में अजीत जोगी जी के पुत्र अमित जोगी को जाति प्रमाण पत्र जारी करता है।
 जब पिता की जाति के खिलाफ कलेक्टर बिलासपुर सुप्रीम कोर्ट में पीटीशनर हैं तो एडीशनल कलेक्टर द्वारा 3 दिनों में चुनाव में लड़ने हेतु आवश्यक जाति प्रमाण पत्र जारी करने से भाजपा और भाजपा की बी टीम के बीच सांठगांठ के संदेह को जन्म दिया।
 अजीत जोगी की माता कांतामणि जोगी सामान्य जाति के व्यक्ति को जमीन बेचती हैं तो अनुमति नहीं लेती, जमीन खरीदती हैं आदिवासी की तो कलेक्टर बिलासपुर अनुमति प्राप्त करती हैं।
 अजीत जोगी जी ने 1967 को नायब तहसीलदार पेण्ड्रा से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं, जबकि पेण्ड्रा तहसील अस्तित्व में ही नहीं थी।
 मध्यप्रदेश- जीएडी हरिजन आदिवासी सेल के मध्यप्रदेश शासन के वाइड मेमो नं. एफ-7-4/87/1/एचएसी दिनांक 26/5/1987 के द्वारा नायब तहसीलदार जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किये गये हैं। तब 1967 में नायब तहसीलदार ने जाति प्रमाण पत्र कैसे जारी किया?

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *