‘सौ दिन सौ कहानियां‘
- बच्चों के पढ़ने की स्पीड और समझकर प्रश्नों के जवाब देने का अध्ययन कर डाटा एकत्रित किया जाएगा
- संकुल से जिला स्तर तक होगी प्रतियोगिताएं
रायपुर, 22 सितंबर 2021/ बच्चों के पठन कौशल को बेहतर करने के लिए ‘सौ दिन सौ कहानियां‘ कार्यक्रम के अंतर्गत मीडिल स्कूलों के बच्चों के कहानी पढ़ने की स्पीड और समझकर प्रश्नों के जवाब दे सकने के बारे में अध्ययन कर डाटा एकत्र किया जाएगा। समग्र शिक्षा के जिला मिशन समन्वयकों के माध्यम से यह जानकारी गूगल फार्म में राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा को प्रेषित की जाएगी। प्रत्येक स्कूल से कम से कम 20 विद्यार्थियों से यह जानकारी एकत्र की जाएगी। फिर यही जानकारी तीन माह बाद उन्हें नए गूगल फार्म के माध्यम से एकत्र की जाएगी। दोनों जानकारी की तुलना कर कार्यक्रम का प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत संकुल से जिला स्तर तक प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए तिथियां निर्धारित की गई है। इस प्रतियोगिता में सभी विद्यार्थियों को शामिल करने के निर्देश जिला मिशन समन्वयकों को दिए गए है। प्रतियोगिता के लिए निर्धारित तिथियों के अनुसार मीडिल स्कूलों में 20 दिसंबर को संकुल स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित होगी। जिसमें स्कूल स्तर से चयनित बच्चों को संकुल स्तर पर प्रतियोगिता में शामिल होंगे और प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा। विकासखंड स्तर पर 27 दिसंबर को प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसमें संकुल स्तर से चयनित बच्चों को विकासखंड स्तर पर प्रतियोगिता में शामिल किया जाएगा और विजेताओं को पुरस्कर प्राप्त होगा। इसी प्रकार जिला स्तर पर 31 दिसंबर को आयोजित प्रतियोगिता में विकासखंड स्तर से चयनित बच्चे शामिल होंगे और विजेताओं को पुरस्कार मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी मीडिल स्कूलों को इस वर्ष मुस्कान पुस्तकालय के अंतर्गत द्विभाषी कथा पुस्तकें उपलब्ध करायी गई है। इन पुस्तकों में छोटी-छोटी कहानियां हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध करायी गई है। बच्चें पहले अंग्रेजी में कहानी पढ़कर समझने का प्रयास करेंगे और ठीक से समझ में नहीं आने पर उसका हिन्दी में अनुवाद करकर समझने की कोशिश करेंगे। पुनः वे अंग्रेजी में उस कहानी को समझने का प्रयास करेंगे। इन कहानियों को ठीक से समझने के बाद वे अपने से छोटे बच्चे को कहानियां सुनाएंगे। बच्चों को इन कहानियों को पढ़ने के बाद उन्हें प्रत्येक कहानी को पढ़ने की स्पीड प्रति मिनट कितने शब्द और कहानियों के आधार पर 05 प्रश्नों को पूछकर उसमें से कितने प्रश्नों के सही जवाब दे सकते है।
प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा ने सभी जिला मिशन समन्वयकों को निर्देशित किया है कि सौ दिन सौ कहानियां की पुस्तकों का सेट सभी मीडिल स्कूलों में उपलब्ध कराते हुए उनकों सभी बच्चों द्वारा नियमित पढ़ा जाना सुनिश्चित करें। जिला और विकासखंड में कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए नोडल अधिकारियों का चिन्हांकन कर उन्हें जिम्मेदारियां सौंपे। प्रत्येक कहानी में अंग्रेजी में कुल कितने शब्द है, उनकी गणना कर प्रत्येक कहानी की समझ की जांच करने 05 प्रश्न तैयार कर सभी स्कूलों में उपलब्ध करवाएं। राज्य स्तर पर इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए टेलीग्राफ में एक ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में मीडिल स्कूल स्तर पर अंग्रेजी पढ़ा रहे सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए। प्रयास किया जाए की पहली पुस्तक से लेकर सौवें पुस्तक पढ़ते तक प्रत्येक बच्चे के पढ़ने की स्पीड और समझ के स्तर में व्यापक अंतर और सुधार दिखाई दे। शिक्षक चाहे तो इस प्रक्रिया को विद्यालय के छात्रों द्वारा हिन्दी पढ़ने का अभ्यास करते हुए उसकी स्पीड और समझ के स्तर की जांच कर हो रहे बदलाव को देखे और हो रहे परिवर्तन की सतत निगरानी करें।