बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट को प्रारम्भ हुए अभी एक हफ्ते भी नहीं हुए हैं कि सुविधाओं का मामला कोर्ट पहुच गया

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के न्यायधानी में स्थित बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट को प्रारम्भ हुए अभी एक हफ्ते भी नहीं हुए हैं कि सुविधाओं का मामला कोर्ट पहुच गया। जनहित में मिली याचिका में कहा गया है कि फ्लाइट की सुविधा मिली लेकिन एयरपोर्ट जाने की सड़क पर अंधेरा और अव्यवस्थित ट्रैफिक है। साथ ही कहा गया है कि रात में एयरपोर्ट पर विमान उतरने और उड़ने की व्यवस्था नहीं है। इसके बाद गुरुवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

एयरपोर्ट में व्यवस्थित पार्किंग कैंटीन और टैक्सी की सुविधा शुरू नहीं

हवाई सेवा शुरू हो चुकी है लेकिन अब भी एयरपोर्ट में यात्री सुविधाओं में कमी है। न तो व्यवस्थित पार्किंग की बनी है, न टैक्सी स्टैंड की व्यवस्था है और न ही टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर कैंटीन जैसी व्यवस्था यात्रियों के लिए है। एयरपोर्ट परिसर में इन सभी सुविधाओं को विकसित करने के लिए राज्य शासन ने 27 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं लेकिन अभी उसमे से पांच करोड़ रुपए ही खर्च किए गए हैं। बिलासा देवी केंवट चकरभाठा एयरपोर्ट से पहले दिन हवाई सेवा शुरू होने के दौरान एयरपोर्ट में यात्री सुविधाओं को लेकर कई कमियां नजर आई। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में केंटीन अभी नहीं है।

गुरुवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि उड़ान शुरू हो गई है। वहीं आवेदन प्रस्तुत कर सुविधाओं में विस्तार और व्यवस्थित करने के लिए चार मांगे भी कोर्ट के सामने रखीं।

  • महाराणा प्रताप चौक से एयरपोर्ट तक सड़क पर अंधेरा होता है। इसलिए स्ट्रीट लाइट लगाई जाए।
  • चकरभाठा बाजार में भीड़ होने से एयरपोर्ट आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। वहां के मार्केट साथ ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार किया जाए।
  • बिलासपुर एयरपोर्ट अभी 3-C VFR कैटेगरी का है। इसके कारण सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फ्लाइट लैंडिंग और टेक ऑफ हो सकती है। ऐसे में इसे IFR कैटेगरी का किया जाए। जिससे यहां रात में भी लैंडिंग और टेक ऑफ की सुविधा शुरू हो सके।
  • सेना के पास बची हुई जमीन को वापस लेकर 4-C कैटेगरी की कार्रवाई की जाए। जिससे एयरपोर्ट में टर्मिनल बिल्डिंग, ATC टावर, रनवे की लंबाई, पार्किंग की जगह बढ़ाई जा सके।

कोर्ट ने कहा- सरकार इस पर विचार कर 4 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करे

इस पर कोर्ट ने सरकार के अधिवक्ता को कहा कि सरकार इस पर विचार कर जवाब प्रस्तुत करे और कार्रवाई करे। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि उड़ान शुरू हो गई है। सप्ताह में 4 दिन उड़ान की सुविधा चालू है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार को जवाब के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की युगल खंडपीठ में हुई।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *