छत्तीसगढ़ के दो युवा उद्यमियों का कारनामा, बनाया ऐसा डिवाइस जिससे बाइक से कार्बन डाइऑक्साइड के साथ ऑक्सीजन भी निकलता है
बालोद/31 जुलाई 2019। पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण दो पहिया वाहनों से निकलने वाला कार्बन डाइऑक्साइ है, इस समस्या से निजात पाने के लिए दो दोस्तों ने मिलकर एक ऐसा यंत्र ‘बाइक्स ऑक्सीजन’ बनाया है. इससे कार्बन डाइऑक्साइड के साथ 20 प्रतिशत ऑक्सीजन भी निकलता है.
जिले के देवरी (मोहंदीपाट) निवासी भोज साहू और डोंगरगांव, राजनांदगांव निवासी उनके दोस्त घनश्याम साहू ने मिलकर ‘बाइक्स ऑक्सीजन’ को बनाया है. दोनों दोस्तों ने एक साथ फार्मेसी का कोर्स किया है. घनश्याम साहू ने कहा कि उनके दोस्त भोज साहू लगभग 8 सालों से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उन्हीं से प्रेरित होकर मैंने उनके मार्गदर्शन में इस डिवाइस को बनाने की प्लानिंग की और लगभग 3 महीने की मेहनत के बाद यह तैयार हो गया.
बचपन से मॉडल बनाने का शौक
घनश्याम को बचपन से विज्ञान मॉडल बनाने का शौक था. उसके इस प्रतिभा को देखते हुए भोज साहू ने प्रदूषण को कम करने वाला डिवाइस बनाने प्रेरित किया. घनश्याम ने बताया कि ‘बाइक्स ऑक्सीजन’ के लिए दो केमिकल को मिलाकर डिक्की के आकार में सेट किया गया है. इसे इंजन से जोड़ गया है, जिसमें गाड़ी के चालू होते ही जिस तरह से साइलेंसर से कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है, ठीक उसी तरह ‘बाइक्स ऑक्सीजन’ से ऑक्सीजन भी निकलता है.
रिफलिंग में हफ्ते में खर्च आएगा मात्र 10 रुपए
घनश्याम ने कहा कि जो केमिकल इस डिवाइस में ऑक्सीजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया है, वह आसानी से बाजार में उपलब्ध हो सकता है. रिफलिंग के लिए एक हफ्ते में मात्र 10 रुपए की जरूरत होगी. इससे बाइक को 800 से 900 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है.
‘बाइक्स ऑक्सीजन’ को पेटेंट करवाने की तैयारी
घनश्याम ‘बाइक्स ऑक्सीजन’ को केंद्र सरकार की मदद से पेटेंट करवाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र लिखा है और पेटेंट कार्यालय से इस प्रोजेक्ट के प्रेजेंटेशन के लिए अनुमति मांगी है. घनश्याम ने कहा कि अगर प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने पास किया तो वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक बेहतर डिवाइस साबित होगा.