स्कूल मोर दुआर: डिजिटल एजुकेशन मोबाइल वैन से घर-घर पहुंच रही शिक्षा की रोशनी
रायपुर/ कोरोना संकट काल में छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों द्वारा अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं। राज्य में संचालित पढ़ई तुंहर कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन कार्यक्रम से छूटे हुए विद्यार्थियों के लिए कोरिया जिले के विकासखण्ड खडगंवा के संकुल हल्दीबाड़ी में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों के सहयोग से स्कूल मोर दुआर कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। हल्दीबाड़ी संकुल केन्द्र के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में 6 प्राथमिक और 4 माध्यमिक स्कूल संचालित है। स्कूल मोर दुआर के माध्यम से संकुल केन्द्र हल्दीबाड़ी में घर-घर शिक्षा को पहुंचाने का प्रयास हो रहा है।
स्कूल मोर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत डिजिटल एजुकेशन मोबाइल वैन की अवधारणा के अनुसार लैपटाप, एलसीडी टीवी, प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम, शिक्षण सामग्री, मुस्कान पुस्तकालय से सुसज्जित कर विद्यालय का स्वरूप देते हुए विद्यार्थियों को घर तक शिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के कारण सभी शैक्षणिक संस्थाएं बंद होने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के लिए ’पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम संचालित हो रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा हैै।
कोरोना के कारण विद्यालय बंद होने से वर्तमान शैक्षिक सत्र में विद्यार्थी विद्यालय परिवेश से दूर नहीं हो इन परिस्थिति को देखते हुए कोरिया जिले के विकासखण्ड खडगंवा के संकुल केन्द्र हल्दीबाड़ी के शैक्षिक समन्वयक राजेश प्रताप सिंह द्वारा संकुल के सभी शिक्षकों के सहयोग से और जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा, सहायक कार्यक्रम समन्वयक समग्र शिक्षा, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी खडगंवा और संकुल प्रभारी के मार्गदर्शन में स्कूल मोर दुआर को संचालित करने के लिए प्रस्तावित किया गया।