मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की नई नीतियां देश के 65 करोड़ किसानों के खिलाफ है
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि व किसानों से जुड़ी जो नीतियां हैं, वह आदर्श स्वरूप में हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ में किसान हित से जुड़े फैसले जो लिए गए, वो पूरे देश में क्यों लागू नहीं हो सकते?
आज राजीव भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की नई नीतियां सीधे-सीधे देश के 65 करोड़ किसानों के खिलाफ है। केन्द्र सरकार की हठधर्मिता के कारण आज हजारों-लाखों किसान सड़कों पर उतर आए हैं। उन पर पानी की बौछार की जा रही है। अश्रु गैस छोड़ी जा रही है। सारे कांग्रेस समर्थित राज्यों ने किसानों के इस आंदोलन को समर्थन दिया है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। हमारी सरकार ने कुछ ही समय पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर किसानों के हित में प्रस्ताव पारित किए। छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी कभी भी 50 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीदी नहीं हुई। हमारी सरकार आई तो 80 लाख लाख मेट्रिक टन खरीदने का लक्ष्य रखा। इस बार 85 सेे 90 लाख टन के बीच खरीदी की संभावना है। छत्तीसगढ़ में 2300 से अधिक धान खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। किसानों को तत्काल पेंमेंट की व्यवस्था की जा रही है। बारदानों की कमी नहीं होने दी जाएगी। कांग्रेस ने किसानों के हित में हरित क्रांति का आंदोलन चलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों से जुड़े जिस कानून की बात कर रही है वह बिहार में पहले से लागू रहा है। आज पूरे देश में कृषि और किसानों की सबसे खराब स्थिति बिहार में ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार जबरिया अपने कानून किसानों पर थोप रही है। केन्द्र सरकार के करीब रहने वाले पूंजीपति देश को लूटने का काम कर रहे हैं। रेल्वे स्टेशन बेचा, एयरपोर्ट बेचा, अब किसानों की जमीनों पर इनकी नज़रें लगी हुई हैं। स्पष्ट है भाजपा के बड़े नेताओं का चरित्र दोगला है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपनी ही पार्टी में अप्रासंगिक हो गए हैं। उन्हें बस भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का झुनझुना पकड़ाकर रख दिया गया है। भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं व्दारा रमन सिंह को न कोई महत्वपूर्ण काम सौंपा जाता है और न ही उनसे किसी तरह की सलाह ली जाती है।