भोले-भाले किसानों को राजनीतिक दल गुमराह कर उन्हें भड़काने की कोशिश कर रहे है : प्रकाश जावडेकर
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मीडिया से कहा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से बातचीत जारी रखने के बावजूद मंगलवार को ‘भारत बंद’ रखने के पीछे केंद्र सरकार के मंत्रियों को राजनीतिक साजिश नजर आती है। उनका कहना है कि जब एमएसपी पहले की तरह जारी रहेगी, मंडियां भी रहेंगी तो फिर मुद्दा क्या है? भोले-भाले किसानों को राजनीतिक दल गुमराह कर उन्हें भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मीडिया से कहा, किसानों के नाम पर बुलाए गए भारत बंद को राजनीतिक दलों का समर्थन एक पाखंड है। उन्होंने ही एपीएमसी समाप्त करने का कानून लाया, इन्ही पार्टियों द्वारा शासित कई राज्यों में कॉन्ट्रैक्ट फामिर्ंग को लागू भी किया। ये है पाखंड का पदार्फाश।
उन्होंने कहा, मैं फिर से कहना चाहता हूं, किसानों को मिलने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) था, है और रहेगा। जैसे पिछले 55 सालों से किसानों को एमएसपी का लाभ मिलता आ रहा है, वैसा ही आगे भी जारी रहेगा। देश के किसानों की समृद्धि ही हमारी सरकार का ध्येय।
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी किसानों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तोमर ने इस आंदोलन के पीछे विघटनकारी और अराजकतावादी ताकतों की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम की तरफ संकेत किया है। उन्होंने किसानों को ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा है। उन्होंने कहा, नए कृषि सुधार कानूनों से किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी। विघटनकारी और अराजकतावादी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से किसानों को बचना चाहिए। एमएसपी और मंडियां भी जारी रहेगी और किसान अपनी फसल अपनी मर्जी से कहीं भी बेच सकेंगे।
उन्होंने कहा, देश में कोल्ड स्टोर एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश बढ़ेगा और किसान पर्याप्त भंडारण कर सकेंगे। राजनीतिक एजेंडे के तहत फैलाए जा रहे दुष्प्रचार और समाज को बांटने वाली ताकतों से बचें।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मीडिया से कहा कि राजनीतिक दलों का दोहरा रवैया सामने आया है। कांग्रेस अपने शासनकाल में इन्हीं बदलावों का समर्थन करती रही है, अब मोदी सरकार ने बड़े बदलाव किए तो विरोध किया जा रहा है। लोगों को गुमराह करते हुए देश को बदनाम करने की साजिश में हमेशा से विपक्षी दल शामिल रहे हैं। किसानों को इनकी साजिशों से सावधान रहने की जरूरत है।