पैरी परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन योजनाओं से सिंचाई क्षमता 13 फीस की हो जाएगी बढ़ोत्तरी

पैरी परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन योजनाओं से सिंचाई क्षमता 13 फीस की हो जाएगी बढ़ोत्तरी
जल संसाधन विभाग तेजी से सिंचाई योजनाओं को पूरा करने में जुटा
रायपुर, 24 नवम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य की पैरी नदी सिंचाई परियोजना गरियाबंद अचंल के किसानों के लिए जीवनदायिनी है। इस नदी से सैकड़ों गांव की भूमि सिंचित हो रही है जिसकी बदौलत किसान बेहतर फसल उत्पादन कर समृद्धि की ओर अग्रसर है। इस नदी में सिकासार जलाशय के नाम से वृहद परियोजना और कुकदा पिकअप वियर भी निर्मित है। इसके अतिरिक्त 85 लघु सिंचाई योजनाएं और 31 निर्माणाधीन योजनाओं से जिले की सिंचाई प्रतिशत में 13 प्रतिशत वृद्धि होगी। इससे वर्तमान सिंचाई क्षमता 34 प्रतिशत से बढ़कर 47 प्रतिशत हो जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप अंचल में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्तमान में 31 निर्माणाधीन योजनाओं को पूरा करने और अन्य प्रस्तावित योजनाओं की स्वीकृति से भविष्य में 17 प्रतिशत सिंचाई में वृद्धि हो सकेगी। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री पी.के. आनंद ने बताया कि पैरी परियोजना, जिला गरियाबंद की एक वृहद परियोजना है, जिसके अंतर्गत एक वृहद सिकासार जलाशय निर्मित है। सिकासार जलाशय की उपयोगी जल भराव क्षमता 198.88 मिलियन क्यूबिक मीटर है। सिकासार जलाशय में जल विद्युत ताप गृह भी निर्मित है।
इस परियोजना अंतर्गत पैरी नदी पर कुकदा पिकअप वियर भी निर्मित है, जो कि गरियाबंद जिला मुख्यालय से 25 कि.मी. दूरी पर गरियाबंद-रायपुर मार्ग पर ग्राम पोंड़ के समीप स्थित है। सिकासार जलाशय से सिंचाई हेतु प्रवाहित जल पैरी नदी में लगभग 60 कि.मी. की दूरी तय करते हुए कुकदा पिकअप वियर तक पहुॅचती है, जिससे सिंचाई हेतु दांयी मुख्य नहर से जिला गरियाबंद एवं बांयी मुख्य नहर से जिला धमतरी में सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जाता है। पैरी परियोजना की रूपांकित एवं निर्मित सिंचाई क्षमता जिला गरियाबंद अंतर्गत 27 हजार 495 हेक्टेयर खरीफ हेतु एवं 23 हजार 472 हेक्टेयर रबी हेतु अर्थात कुल 50 हजार 967 हेक्टेयर है, जिससे 101 ग्रामों के कृषक लाभान्वित होते है। इसके अलावा धमतरी जिला अंतर्गत 12 हजार 246 हेक्टेयर खरीफ एवं 10 हजार 523 हेक्टेयर रबी, कुल 22 हजार 669 हेक्टेयर है, जिससे 49 ग्रामों के कृषक लाभान्वित होते है। इस प्रकार इस परियोजना से खरीफ में कुल 39741 हेक्टेयर एवं रबी में कुल 33 हजार 995 हेक्टेयर सिंचाई होती है। इस प्रकार इस परियोजना की कुल सिंचाई क्षमता 73 हजार 736 हेक्टेयर है। इससे 150 गांवों के कृषक, पैरी परियोजना से लाभान्वित हो रहे है।
इसके अतिरिक्त 85 लघु सिंचाई योजनाएं निर्मित सिंचाई रूपांकित सिंचाई क्षमता 20 हजार 882 हेक्टेयर है। इस तरह वर्तमान में कुल 86 योजनाएॅ से जिले की सिंचाई क्षमता खरीफ 48 हजार 377 हेक्टेयर का प्रतिशत 34 प्रतिशत है। जिले में 31 निर्माणाधीन योजनाओं से खरीफ 18 हजार 565 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता वृद्धि होगी, जिससे की जिले की सिंचाई प्रतिशत 13 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

The News India 24

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