विधानसभा उपचुनाव में जनता की खुसुर फुसुर….देवव्रत के बयान से डगमगाए धरम और अमित का कदम

विधानसभा उपचुनाव में जनता की खुसुर फुसुर….देवव्रत के बयान से डगमगाए धरम और अमित का कदम

रायपुर। बिहार में चुनाव में देखा जा रहा है कि कोई चेहरा काम नहीं आ रहा है। ऐसा लग रहा है कि बिना लालच दिए नैया पार होना मुश्किल दिख रहा है। बिहार चुनाव में भाजपा ने वोटरों से वादा किया है कि अगर भाजपा सत्ता में लौटी तो कोरोना वैक्सीन फ्री में दिया जाएगा। अरे भाई वैक्सीन तो अभी बना भी नहीं है, कब बांटोगे फ्री में?

राजद ने वादा किया है कि 10 लाख नौकरी देंगे। तुरंत भाजपा ने पलटवार कर 15 लाख नौकरी का वादा कर दिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इतने नौकरी अचानक कहां से आ जाएंगे? अगर इतनी नौकरी है तो चुनाव के लिए बचाकर रखे थे क्या?

भाजपा के बड़े-बड़े नेता इन दिनों मरवाही में लंगर डाले पड़े है। दहाड़मार-मार कर जनता को बता रहे है कि स्व. अजीत जोगी परिवार के साथ अन्याय हुआ। भइया 15 साल से भाजपा के नेता ही तो उनको नकली आदिवासी बोल रहे थे। भाजपा नेता 20 महीने में भूपेश सरकार ने मरवाही में क्या विकास किया है हिसाब मांग रहे है।

जनता खुसुर-फुसुर कर रही है कि अब इनको कौन बताए कि 15 साल तो आप ही राजा थे, आपने क्या कर दिखाया, वैसे 20 महीने में काफी कार्य हुआ है। अब कांग्रेसी भी कम नहीं पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम तो मरवाही में भाजपा नेताओं के स्वागत के लिए आतुर बैठे है और कह रहे है कि भाजपाई मरवाही आएं और 15 साल का हिसाब दें।

भूपेश बघेल अच्छा काम कर रहे है। जिस हिसाब से फैसले लिए जा रहे है और विकास की गंगा बहा रहे है जो विश्वास 2018 में जीता था, उसकी भरपाई कर रहे है। अब ऐसा लगता है कि मरवाही उनको पुरौनी में मिलेगा।

क्रेडा अधिकारी की जेब में डीजल बाड़ी : डीजल बाड़ी से मिले या न मिले क्रेडा के अधिकारियों को जरूर डीजल मिल रहा है। क्रेडा के एक अधिकारी मुख्यमंत्री का नजदीकी बताकर कई हजारों गैलन डीजल डकार चुका है। जनता में खुसुर-फुसुर हो रही है कि उनके इस कारनामे को मंत्री और सचिव भी जानते है,पता नहीं क्यों गश खाए चुप बैठे हुए हैं। क्रेडा वालों को सूरज जैसा तपिश चाहिए तभी वे एक्शन मोड पर आते है। अब तो साहब ही क्रे डा के इस अधिकारी जेब में बने डीजल बाड़ी की गहराई नाप सकते है।

मरवाही चुनाव कांग्रेस का घमंड चूर करेगा – रमन : जनता में खुसुर-फुसुर है कि मरवाही चुनाव में क्या होगा? लेकिन इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमनसिंह के बयान में राजनीति गरमा दी है। डा. रमनसिंह ने कहा कि मरवाही उपचुनाव बड़ा संदेश देने वाला है, कांग्रेस का घमंड चूर होगा। सरकार पर प्रजातांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं लडऩे का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस भाजपा से भयभीत है, इसलिए नए-नए हथकंडे अपना रही है। मरवाही की जनता अब तक 22 महीने के सरकार के कामकाज की किस तरह समीक्षा करती है। ये तो 10 नवंबर को पता चलेगा। डा. रमन के बयान में कितना दम है।

चेंबर चुनाव नहीं वर्चस्व की लड़ाई : चेंबर चुनाव को लेकर जनता काफी उत्साहित नजर आ रही है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि असल में ये चुनाव किसका है, राजनीतिक पार्टियों का या व्यापारियों के संगठन का। क्योंकि जितने भी नेता है वे किसी न किसी पार्टी से जुड़े है। एक नेता तो चेंबर के रास्ते विधायक भी बन चुके हैं। कहीं कांग्रेस भी तो इसी नक्शे कदम पर चलते हुए भावी विधायक की तलाश तो नहीं कर रही है। चेंबर के व्यापारी एकता पेनल और तथाकथित कांग्रेस समर्थित व्यापारियों के नेता और जय व्यापारी पेनल के अमर पारवानी के साथ चुनाव को लेकर कांग्रेस के एक छुटभैया नेता की बैठक होने की भी खबर है। लेकिन कांग्रेस ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कांग्रेस का तो एक सूत्रीय योजना है जब प्रदेश में सरकार हमारी है तो व्यापारी भी हमारे है। जो जीतेगा वो कांग्रेस का होगा।

देवव्रत के बयान से डगमगाए धरम और अमित का कदम

जनता कांग्रेस के विधायक देवव्रत के बयान से सागौन बंगला के साथ प्रदेश भर में फैले जकांछ कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढऩे के साथ धर्मजीत और अमित जोगी के भी कदम लडख़ड़ाने लगे है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि यह काम तो अजीत जोगी के रहते भी हो सकते थे, लेकिन चुनाव में जनता दाऊ पर इस कदर मेहरबान हो गई कि दो तिहाई से ज्यादा विधायक जिताकर समर्थन के रास्ते ही बंद कर दी। अब घर वापसी का दौर तो जोगी जी के रहते भी होते रहे है, आने-जाने वालों को कौन रोक सकता है। धर्मजीत और अमित जोगी सहित सभी लोग तो पुराने कांग्रेसी ही है। इसमें नई बात क्या है।

The News India 24

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