2 अक्टूबर गांधी जयंती पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का संकल्प….मोदी के काले कानूनों के खिलाफ अभियान, आज से छत्तीसढ़ में घर-घर तक पहुंचेगा
रायपुर 02 अक्टूबर 2020। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी के काले कानूनों के खिलाफ, अभियान, आज से छत्तीसगढ़ में घर-घर तक पहुंचेगा, 2अक्टूबर गांधी जयंती पर कांग्रेस कार्यताओं का संकल्प लिया। तीन काले कानून किसान को समर्थन मूल्य से वंचित करने वाले कानून है। किसानो को मंडी और सोसायटी से वंचित करने वाले काले कानून, किसानों को बड़े कंपनियो के मर्जी पर छोड़ने वाले काले कानून, जमाखोरी और मुनाफाखोरी की छूट देने वाले काले कानून के खिलाफ अब कांग्रेस के कार्यकताओं ने आज से हर घर जाकर अभियान चलाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा के सांसद घर-घर जायेंगे। कांग्रेस के कार्यकताओं की ताकत का मुकाबला भाजपा के सांसदो से होगा। कार्यकर्ता जीतेगा, कांग्रेस जीतेगी, किसान जीतेगा। मोदी हारेंगे, मोदी के सांसद होंगे,मोदी का काले कानून हारेगा, ये स्पष्ट है। किसानों को बंधुवा बनाने, एमएसपी से वंचित करने, मंडी सोसाइटी को कमजोर बनाकार खतम करने, चहेतों को जमाखोरी, मुनाफाखोरी करने की छूट नही दी जा सकती।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि किसान विरोधी कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान नहीं है। कान्टेक्ट फार्मिंग के द्वारा अब कंपनियां ही तय करेगी कि किसान खेतो में क्या काम करेंगे? मोदी सरकार इस्ट इंडिया कंपनी की वापसी करने में लगी है। अब मोदी सरकार ने बड़े मुनाफाखोरो को कालाबाजारी जमाखोरी की खुली छूट दे दी है। सदन के एक भी सदस्य के मत विभाजन की मांग करने पर तो संसद में मत विभाजन कराना आवश्यक होता है। इन काले कानूनों को पास करने के लिये लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि केन्द्र की भाजपा सरकार के तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ पूरे देश और छत्तीसगढ़ के किसानों में और आम आदमी उपभोक्ताओं में गुस्सा उमड़ रहा है। बड़ी संख्या में किसान व खेतिहार- मजदूर इन कठोर कानूनों का विरोध कर रहे है, किंतु मोदी सरकार किसानो पर लाठिया बरसाकर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। इन काले कानूनों के खिलॉफ कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर सड़क तक की लड़ाई लड़ रही है। प्रदेश के समस्त जिला, ब्लाक मुख्यालयों मे उपरोक्त बिल का विरोध करते हुये धरना, प्रदर्शन -पैदल मार्च का आयोजन कर किसान विरोधी बिल को तत्काल वापस लेने की मांग की गयी।