छत्तीसगढिया ओबीसी और आदिवासी चेहरा भाजपा के धन्नासेठ पूर्वमंत्री को क्यो चुभ रहा है ? : विकास तिवारी
रायपुर/21 जुलाई 2019। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पीडब्लूडी मंत्री और धन्नासेठ राजेश मूणत के उस बयान पर कटाक्ष किया जिसमें कि उन्होंने कहा था की राशन कार्ड नवीनीकरण के नाम पर भूपेश सरकार राजनीति कर रही है और उन्होंने कहा कि राशन कार्ड में मुखिया और खाद्य मंत्री की फोटो लगा कर घर-घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है जो कि सर्वथा अनुचित है।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भाजपा के पूर्वमंत्री और धन्नासेठ के बयान से यही स्पष्ट है कि उनकी सोच छत्तीसगढ़ के ठेठ छत्तीसगढ़ीया नेतृत्वकर्ता भूपेश बघेल और आदिवासी खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की फोटो के प्रति एक प्रकार से खींच है। पूर्व मंत्री धन्नासेठ राजेश मूणत छत्तीसगढ़ राज्य के ठेठ छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आदिवासी खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के नेतृत्व को नहीं पचा पा रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भागीरथी प्रयास से ना केवल प्रदेश के सभी परिवार का राशन कार्ड बनेगा वरण भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत का भी राशन कार्ड बनाया जायेगा और उन्हें भी कम दरों में राशन उपलब्ध कराया जायेगा।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि पूर्वमंत्री धन्नासेठ राजेश मूणत उस समय चुप क्यो थे जब रमन सरकार हजारो करोड़ो रुपयों का नान घोटाला कर गरीब जनता की थाली से निवाला छीन रही थी,उस समय चुप क्यों थे जब राशन कार्डधारियों के पैतीस किलो चावल को मात्र सात किलो किया था। दरअसल बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के स्वयंसेवकों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सरकार द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया लोगों के लिए लिये जाने वाले जनहित के निर्णय रास नही आ रहे है प्रदेश को अंग्रेजो से ज्यादा लूटने वाले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मंत्री का बौखला जायज है और पूर्व मंत्री राजेश मूणत के पेट मे दर्द होना लाजमी है उन्होंने राशन कार्ड में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के फोटो के बहाने थे छत्तीसगढ़िया नेतृत्व पर अपनी खींच व्यक्त की है।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्वमंत्री धन्नासेठ राजेश मूणत से सवाल पूछा है उन्हें राशन कार्ड में छत्तीसगढ़ी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आदिवासी खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की फोटो पर आपत्ति केवल ओबीसी और आदिवासी होने के आधार पर ही क्यो है और पूरे प्रदेश के सभी जनता को जब पेट भर राशन मिलने वाला है तो उनके पेट मे मरोड़ क्यो उठ रहा है।