नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन पीएम मोदी ने संसद पहुंचकर अपने संदेश के जरिए सीमा पर तैनात जवानों का मनोबल बढ़ाया। बता दें कि उनका ये संदेश चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को देखते हुए काफी अहम है। वहीं कोरोना काल में बुलाए गए संसद के सत्र को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ये विशेष परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है।आपको बता दें कि चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच पीएम मोदी ने कहा कि, “आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, बड़ी हिम्मत, जज़्बे, बुलंद हौंसलों के साथ दुर्गम पहाड़ियों में डटे हुए हैं। जिस विश्वास के साथ वो खड़े हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं ये सदन भी एक स्वर से संदेश देगा कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है।” अपने संबोधन में पीएम मोदी का संदेश साफ है कि, सदन में विरोध की बजाए एकत्रता प्रदर्शित की जानी चाहिए।
वहीं संसद सत्र को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, “एक विशिष्ट वातावरण में संसद का सत्र आज प्रारंभ हो रहा है, कोरोना भी है, कर्तव्य भी है और सभी सांसदों ने कर्तव्य का रास्ता चुना है। मैं सभी सांसदों को अभिनंदन और धन्यवाद करता हूं। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय होंगे, अनेक विषयों पर चर्चा होगी।”उन्होंने कहा कि, “कोरोना से बनी जो परिस्थिति है उसमें जिन सतर्कताओं के विषय में सूचित किया गया है उन सतर्कताओं का पालन हम सबको करना ही करना है। और ये भी साफ है कि जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं।”मीडियाकर्मियों के लिए भी उन्होंने कहा कि खबर तो आप लोगों को मिल ही जाएगी लेकिन आप लोग खबरदार भी रहेंगे और इस कोरोना संकट में अपना व दूसरों का ध्यान रखेंगे। इसके अलावा कोरोना से सतर्क रहने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, संसद का ये सत्र विशेष परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है। कोरोना से बनी जो परिस्थिति है उसमें जिन सतर्कताओं के विषय में सूचित किया गया है, उनका पालन हम सबको करना ही करना है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, इसका पूरा ध्यान रखना होगा।कोरोना की वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, हम चाहते हैं कि कोरोना की वैक्सीन जल्द से जल्द आए और चाहे दुनिया के किसी भी कोने से वैक्सीन विकसित हो। हमारे वैज्ञानिक सफल हों और सबको इस समस्या से बाहर निकालें।