जिलाध्यक्ष की घोषणा होने के बाद इसका विरोध भी होने लगा

जिलाध्यक्ष की घोषणा होने के बाद इसका विरोध भी होने लगा

बलरामपुर। जिले में दो दिन पहले ही भाजपा संगठन के जिलाध्यक्ष की घोषणा होने के बाद कार्यकारिणी का विस्तार हुआ है। अब तेजी से इसका विरोध भी होने लगा है। अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा अपने कार्यकर्ताओं के साथ इसका खुलकर विरोध करने लगे हैं। सिद्धनाथ पैकरा ने तो यह तक कह दिया है कि जिले में भाजपा संगठन की कमान बेईमान और गद्दारों को सौंप दिया गया है। संगठन के ऐलान के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए सिद्धनाथ पैकरा ने अपनी भड़ास निकालते हुए बिना नाम लिए अपने ही पार्टी के नेताओं को जमकर भला बुरा कह दिया।

सिद्धनाथ पैकरा ने कहा कि भाजपा विशव की सबसे बडी पार्टी है और सभी नियमों को लेकर चलने वाली पार्टी है, लेकिन बलरामपुर में भाजपा ने नियमों का पालन करते हुए पितृपक्ष में ही संगठन की घोषणा कर दी जबकि पितृपक्ष में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है। उन्होने कहा कि अम्बिकापुर में एक राष्ट्रीय नेता के घर में बैठकर ये सब किया गया है।

उन्होने कहा कि राष्ट्रीय नेता के इशारे पर ये सब कुछ किया जा रहा है, जिससे कार्यकर्ताओं में असंतोष की भावना है। पैकरा ने कहा कि इसी कारण जब से जिला बना है। भाजपा यहां की तीनों सीट को लगातार खो रही है और यही सिलसिला रहा तो आगे भी नतीजे बदलने वाले नहीं हैं।

सिद्धनाथ पैकरा ने कहा कि जो लोग 40 साल का चश्मा पहनकर 40 साल पुरानी बात कर रहे हैं, उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी गई है। उन्होने कहा कि विपक्ष में रहने के बाद हमें सरकार के गलत कामों का विरोध करना चाहिए, लेकिन यहां भाजपा की ऐसी हालत है की हम आपस में लड़कर खुद ही एक दूसरे का विरोध कर रहे हैं।

The News India 24

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