अजीत जोगी छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के लिए जिये : धर्मजीत सिंह

अजीत जोगी छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के लिए जिये : धर्मजीत सिंह

रायपुर। अजीत जोगी छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के लिए जिये. तेंदूपत्ता की नीति भी उनकी देन है, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में खरीदी आज भी उसी से हो रही है. हिंदुस्तान में पहली बार किसी ने धान खरीदी का निर्णय लिया. काम के बदले अनाज योजना की शुरुआत की, नई राजधानी का भूमि पूजन कराया. यह बात जनता कांग्रेस जोगी विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए कही|

पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह भावुक हो गए. अजीत जोगी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर बोलते हुए उन्होंने पुराने संस्करण भी साझा किए. उन्होंने कहा कि जब अजीत जोगी के मुख्यमंत्री बनने का दौर था तब मैंने उनके खिलाफ बगावत कर दी थी. उस समय 16 विधायक मेरे साथ हो गए थे. अजीत जोगी मुझसे काफी नाराज थे, लेकिन आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में जब मैं उनके सीएम बनने के 10-15 दिनों बाद ही उनसे मिलने गया. उन्होंने ना सिर्फ मेरी बात सुनी, बल्कि छत्तीसगढ़ के पहली न्यायिक आयोग का गठन किया और उन आदिवासियों को न्याय दिलाया.

उन्होंने कहा कि अजीत जोगी सब की बात सुनने पर विश्वास किया करते थे. जिनसे राजनीतिक मतभेद हुआ करते थे उनसे बातचीत कर उसे सुलझाने पर भरोसा किया करते थे. ऐसा ही एक संस्मरण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ भी है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अजीत जोगी ने कहा हमें मुख्यमंत्री से मिलने जाना चाहिए. मैंने उनसे कहा भूपेश बघेल अभी-अभी मुख्यमंत्री बने हैं. उनसे हमारे राजनीतिक मतभेद भी रहे हैं. हमारा लड़ाई झगड़ा रहा है, हमने अलग पार्टी बनाई हैं. कुछ दिनों तक उनसे मुलाकात अभी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह है, लेकिन हमें मुख्यमंत्री से मिलना जरूर चाहिए. हम लोगों ने समय मांगा मुख्यमंत्री ने कृपापूर्वक हमें समय भी दिया. उनसे मुलाकात की.

धर्मजीत सिंह ने कहा कि ऐसे ही कोई व्यक्ति असाधारण नहीं होता. संस्कार, संस्कृति, अनुभव, योग्यता, क्षमता किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं. अजीत जोगी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. सभी को लेकर चलना जानते थे. वे गरीबों के मसीहा थे, हमने ऐसे मसीहा को खो दिया. अजीत जोगी सहज सरल और मंत्र बोलने वाली भाषा में बात करते थे. प्रकृति से टकराते थे. अजीत जोगी ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की आधारशिला रखी. जैतखंभ की सोच अजीत जोगी की थी. कवर्धा को कबीरधाम जिला बनाने का काम किया. फसलचक्र परिवर्तन की बात की. शक्कर कारखाने की शुरुआत की. केवल 9 महीने के फसलचक्र से किसान के पास पैसे होंगे उनकी ये सोच थी|

जेसीसीजे विधायक दल के नेता ने कहा कि व्हीलचेयर में बैठकर वे तू डाल-डाल, मैं पात-पात की राजनीति करते थे. वे जितने दौरे करते थे उतने दो पैरो वाले भी नहीं कर सकते. उनकी बेबसी देखी. आप मुख्यमंत्री बनने के बाद अजीत जोगी मिलने गए. आपने मुलाक़ात की. जोगी हिचकते नहीं थे. वे दिन रात सोचते थे. वे कहते थे कि बचपन से छत्तीसगढ़ के लोग की अंग्रेज़ी में पढ़ाई कराई जाए. अंग्रेज़ी में पढ़ाई न होने से छत्तीसगढ़ के लोग पिछड़ते हैं. ये हम भी महसूस करते हैं|

The News India 24

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