स्वास्थ्य सचिव ने आईएमए को पत्र लिखा….निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम्स एवं अस्पतालों में इलाज करवाने वाले कोविड-19 के सभी संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच कराने कहा
रायपुर। राज्य शासन ने निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम्स एवं अस्पतालों में इलाज करवाने वाले कोविड-19 के सभी संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच कराने कहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने इंडियन मेडिकल एसोशिएशन, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष को पत्र लिखकर निजी चिकित्सालयों में इलाजरत कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की तत्काल जांच कराने कहा है, जिससे कि इसके पीड़ितों की पहचान कर तुरंत उपचार शुरू किया जा सके। विभाग ने कहा है कि अस्पताल में इलाज करा रहे किसी मरीज के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने पर अस्पताल को भारत सरकार, आईसीएमआर एवं राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरुप निसंक्रमित कर 24 घंटे के बाद पुनः शुरू किया जा सकता है।
स्वास्थ्य सचिव ने आईएमए को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण की महामारी से जूझ रहा है। यहां अब तक कुल दस हजार से अधिक व्यक्ति इससे संक्रमित हो चुके हैं। कोविड-19 का संक्रमण अन्य रोग/रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों में गंभीर बीमारी के रूप में परिलक्षित होता है। समय पर जांच, पहचान और उपचार नहीं होने पर मृत्यु होने की संभावना भी अधिक होती है। प्रदेश में अभी तक कोविड-19 से संक्रमित कुल 69 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें से 51 व्यक्ति किसी अन्य बीमारी (COMORBIDITY) से ग्रसित रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु के संबंध में यह संज्ञान में आया है कि इनमें से अधिकतर अस्पताल में उपचार तो ले रहे थे, परन्तु इनके द्वारा स्वयं कोविड-19 की जांच समय पर नहीं कराई गई। इसलिए ऐसे सभी व्यक्तियों का जो निजी क्लीनिक, नर्सिग होम या अस्पताल में उपचार ले रहे हैं और ये कोविड-19 के संदिग्ध मरीज हैं, तो इनकी तत्काल कोविड-19 जांच किया जाना आवश्यक है। कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने पर उन्हें कोविड-19 अस्पताल रिफर किया जाना चाहिए।