कमलनाथ ने कहा- राजीव गांधी आज सबसे ज्यादा खुश होते
राम मंदिर के नाम पर राजनीति को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करते हैं। हमें राम मंदिर निर्माण को लेकर खुशी है। एमपी की जनता की तरफ से हम चांदी की 11 ईंट भेज रहे हैं।
भोपाल/ कांग्रेस नेताओं से अलग हट कर एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने राम मंदिर निर्माण का स्वागत किया है। उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर खुशी जाहिर की है। कमलनाथ ने कहा है कि भगवान राम सबके हैं। यह हम सभी के लिए खुशी का वक्त है। कमलनाथ ने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर आज पूर्व पीएम राजीव गांधी को सबसे ज्यादा खुशी होती, अगर वह जीवित होते।
- राम मंदिर निर्माण का कमलनाथ ने किया स्वागत, कहा- यह खुशी का क्षण
- कमलनाथ बोले, राम मंदिर के लिए राजीव गांधी ने शुरू की थी पहल
- राजीव गांधी आज होते, तो राम मंदिर को लेकर सबसे ज्यादा खुशी उन्हें होती
- कमलनाथ ने कहा, प्रदेश की खुशहाली के लिए करवाया हनुमान चालीसा का पाठ
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि हम राम मंदिर निर्माण का स्वागत करते हैं। राजीव गांधी जी ने 1985 में इसकी शुरुआत की थी। 1989 में शिलान्यास किया था। राजीव जी के कारण ही राम मंदिर का सपना आज साकार हो रहा है।आज राजीव जी होते तो यह सब देखते। हम राम मंदिर निर्माण के लिये प्रदेश की जनता की ओर से 11 चांदी की शीला भेज रहे हैं।
बीजेपी के पेट में दर्द
उन्होंने कहा कि यह भारत की संस्कृति सभी को जोड़ने वाली है। यहां विभिन्न भाषाएं, विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। यह हमारी पहचान है। हम जब भी कुछ करते हैं, बीजेपी के पेट में दर्द पता नहीं क्यों चालू हो जाता है। क्या धर्म पर उनका पेटेंट है, उनका ठेका है, उन्होंने धर्म की एजेंसी ली हुई है क्या ?
कमलनाथ ने कहा कि मैंने छिंदवाड़ा में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की। हमने अपनी सरकार में गौशालाएं बनवाई, राम वन गमन पथ के निर्माण की बाधाएं दूर कीं, महाकाल और ओंकारेश्वर मंदिर के विकास की योजना बनाई है।
मुहूर्त को लेकर कमलनाथ ने कहा कि मैं कोई भी काम मुहूर्त देख कर नहीं करता हूं। मैंने प्रदेश की खुशहाली के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया है। साधु, संत और शंकराचार्य का मुझे आशीर्वाद मिला है।
हम इवेंट नहीं करते
पूर्व सीएम ने कहा कि बस हम धर्म का उपयोग राजनीति के लिए नहीं करते हैं, हम इसे इवेंट नहीं बनाते हैं। हम सभी की सोच धार्मिक है लेकिन हम धर्म और राजनीति का गठजोड़ नहीं करते हैं। आज का हमारा आयोजन भावना की लाइन है।