प्रदेश में अब तक 3.16 लाख से अधिक सैंपलों की जांच….प्रदेश के तीन और मेडिकल कॉलेजों राजनांदगांव,बिलासपुर और अंबिकापुर में आरटीपीसीआर जांच की अनुमति मिली
रायपुर। कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने राज्य शासन व्यापक और पुख्ता व्यवस्था में लगी है। स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य निर्धारित कर सभी जिलों में पर्याप्त बिस्तरों के इंतजाम के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस संक्रमितों की पहचान के लिए सैंपल जांच की संख्या भी लगातार बढ़ाई जा रही है। आरटीपीसीआर और ट्र-नाट विधि से जांच के साथ ही सभी जिलों में रैपिड एंटीजन किट से भी जांच की जा रही है। कोविड-19 की पहचान के लिए प्रदेश में 31 जुलाई तक 3 लाख 16 हजार 501 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। आरटीपीसीआर से शासकीय मेडिकल कॉलेजों में 2 लाख 58 हजार 841 और निजी लैबों के माध्यम से 1241 सैंपलों की जांच की गई है। शासकीय ट्रू-नाट लैबों में 25 हजार 148 और निजी क्षेत्र के ट्रू-नाट लैबों में 1905 सैंपलों की जांच हुई है। विभिन्न जिलों में रैपिड एंटीजन किट से 29 हजार 366 सैंपल जांचे गए हैं। ज्यादा से ज्यादा सैंपलों की जांच के लिए उच्च स्तरीय बीएसएल-2 लैबों में पूल टेस्टिंग भी की जा रही है।
प्रदेश के तीन और मेडिकल कॉलेजों राजनांदगांव,बिलासपुर और अंबिकापुर में आरटीपीसीआर जांच की अनुमति मिल गई है। इन तीन नए संस्थानों को मिलाकर अब आरटीपीसीआर जांच केंद्रों की संख्या सात हो गई है। एम्स रायपुर, डॉ.भीमराव अंबेडकर अस्पताल व रायगढ़ और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में पहले से ही सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच हो रही है। बिलासपुर स्थित मेडिकल कॉलेज छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस (सिम्स)में आज से सैंपल जांच शुरू हो गई है। कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज के लिए विशेषीकृत कोविड अस्पतालों के साथ ही कोविड केयर सेंटर्स में भी बिस्तरों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित कर ज्यादा मरीजों वाले जिलों में इसके लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। राज्य शासन की ओर से प्रयोग के तौर पर बिना लक्षण वाले मरीजों के होम-आइसोलेशन और उपचार के लिए सभी जिलों को अनुमति दी गई है। इसके लिए शासन की ओर से कलेक्टरों को व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।