अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भूमिपूजन में छत्तीसगढ़ के संत युधिष्ठिर शामिल होंगे
रायपुर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे अयोध्या जाने का न्योता मिला है, मैं वहां जाने की तैयारी में हूं। उन्होंने ये भी बताया कि कुछ दिनों पहले उनका कोरोना टेस्ट किया गया था,रिपोर्ट निगेटिव आई है, इसलिए आने-जाने में अब कोई कठिनाई नहीं हैं। अयोध्या में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में कोरोना संकट के मद्देनजर सीमित लोगों को ही आमंत्रित किया गया है। बताया गया है कि देश भर से केवल 150 संतों को आमंत्रित किया गया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ से अकेले संत युधिष्ठिर लाल को ही आमंत्रित किया गया है। खास बात ये है कि छत्तीसगढ़ का भगवान राम के साथ एक अलग प्रकार का नाता है।
माना जाता है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। यहां रायपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर मंदिर हसौद के समीप ग्राम चंद्रखुरी में रामजी की माता कौशल्या का जन्म स्थल है। चंद्रखुरी में प्राचीन माता कौशल्या मंदिर भी है।
फोन पर मिला निमंत्रण-संत युधिष्ठिर ने बताया कि उन्हें राममंदिर निर्माण के लिए बनी समिति के पदाधिकारियों दिनेश जी और चंपतराय ने फोन कर आने का न्यौता दिया है। उनसे कहा गया है कि वे 4 तारीख की रात तक अयोध्या आ जाएं। यह निमंत्रण आने के दौरान संत युधिष्ठिर का कोरोना टेस्ट हुआ था। इस दौरान उनका इलाज भी हुआ और उनकी जांच के बाद रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसलिए जाने में अब दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि वे अपने साथ दो भक्तों को भी लेकर जाएंगे।
विहिप की उच्चाधिकार समिति के हैं सदस्य संत युधिष्ठिर को अयोध्या आने का न्यौता जिन कारणों से मिला है उसके कई कारण हो सकते हैं। रायपुर में संत शदाणी दरबार है जहां के वे संत है। शदाणी दरबार छत्तीसगढ़ का एक तीर्थ है। यहां सभी समाजों के लोगों का सद्भाव के साथ आना-जाना होता है। इस दरबार में देश सहित पाकिस्तान से भी श्रद्धालु आते हैं। लेकिन संत युधिष्ठिर के मुताबिक वे पिछले 40 साल से विश्वहिंदु परिषद की उच्च अधिकार समिति से जुड़े हुए हैं। यही कारण भी हो सकता है कि देश के गिने-चुने लोगों सहित संभवत: छत्तीसगढ़ में वे अकेले व्यक्ति है जिन्हें अयोध्या का बुलावा आया है। वहां वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़ी कुछ चीजें लेकर जाएंगे।