नहीं मिल रहा मरीजो लाभ, 1.12 करोड़ की रेडियोग्राफी मशीन अस्पताल में धूल खा रही

नहीं मिल रहा मरीजो लाभ, 1.12 करोड़ की रेडियोग्राफी मशीन अस्पताल में धूल खा रही

राजनांदगांव जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को डिजिटल एक्सरे की सुविधा देने लाखों रुपए खर्च कर डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन की खरीदी की गई है। अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी की वजह से मशीन शुरु नहीं हुई है। एक्सरे कराने वाले मरीजों को बाहर अधिक कीमत पर चुकाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार सिविल और इलेक्ट्रिक वर्क अधूरा होने के कारण पिछले डेढ़ महीने से डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्टोर रूम में धूल फांक रहीं ही है। इस मशीन की कीमत 1.12 करोड़ रुपए के आसपास है। मशीन का स्टॉलेशन नहीं होने के कारण इस आधुनिक मेडिकल उपकरण का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। गंभीर बात येे है कि अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर त्वरित कार्रवाई कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।

सिविल और इलेक्ट्रिक वर्क अधूरा जानकारी के मुताबिक छग मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) द्वारा बीते जून माह में ही डिजिटल रेडिग्राफी (डीआर) मशीन की सप्लाई की थी। इस मशीन को पेंड्री में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज अस्पताल भवन में लगाया जाना है। मशीन को लगाने के लिए रूम का चुनाव कर लिया गया है, लेकिन सिविल वर्क और इलेक्ट्रिक वर्क अधूरा होने के कारण मशीन का स्टॉलेशन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में आधुनिक मेडिकल उपकरण सुविधा बढ़ाने के लिहाज से सीजीएमएससी बड़े पैमाने पर मशीनों की खरीददारी कर सप्लाई कर रही है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना रवैये कारण समय पर मशीनों का स्टॉलेशन नहीं हो पा रहा है, ऐसे में मरीजों को निजी सेंटरों में हजारों रूपए खर्च कर रिपोर्ट निकलवानी पड़ रही है।

पल भर में ही मिल जाती है रिपोर्ट
डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन एक तरह से डिजिटल एक्सरे की ही तरह है, लेकिन काफी एंडवांस टेक्नोलॉजी के साथ। इस मशीन से शरीर के किसी भी अंग का स्कैनिंग रिपोर्ट चंद सेकंड में ही उपलब्ध हो जाता है, रिपोर्ट लेने के लिए मरीजों को लाइन नहीं लगानी पड़ती है। दूसरा सरकारी अस्पताल में यह सुविधा मिलने से मरीजों का खर्च भी कम होगा।

The News India 24

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