मोदी-शाह सरकार ने अपनी विफलता को छिपाने के लिए दुर्भावनापूर्ण साजिश और बदले की भावना के तहत राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट एवं इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जाँच कराए जाने का आदेश दिया :
बौखलाई मोदी सरकार के कायरतापूर्ण कृत्यों और धमकाने वाली कोशिशों से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व डरने वाला नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व के प्रति भाजपा की कुत्सित मानसिकता व प्रपंची नफरत हर रोज निंदनीय व ज्यादा भद्दे स्वरूप में सामने आ रही है। भारत की सुरक्षा व भूभागीय अखंडता से खुलेआम समझौता करने; कोविड-19 के संकट से निपटने में बुरी तरह विफल रहने, जिसके चलते प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की रोजी-रोटी और जानें जा रही हैं; तथा हर भारतीय नागरिक के जीवन पर कहर ढाने वाली आर्थिक मंदी को रोकने में असमर्थ होने के कारण सवालों से घिरी मोदी-शाह सरकार ने अपनी विफलता को छिपाने के लिए दुर्भावनापूर्ण साजिश और बदले की भावना के तहत राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट एवं इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जाँच कराए जाने का आदेश दिया है।
इन चैरिटेबल संगठनों द्वारा किए गए मानवीय कार्य एवं विशिष्ट सेवा सदैव से ही उल्लेखनीय रहे हैं और ये संगठन किसी भी दुर्भावनापूर्ण और बदले की भावना से की गई जाँच की कसौटी पर खरे उतरेंगे। अपनी सरकार की अक्षमता व संपूर्ण विफलता को छिपाने के लिए भाजपा के भ्रमित नेतृत्व द्वारा भ्रामक जानकारी फैलाने, गुमराह करने व विषय से ध्यान भटकाने के लिए हर रोज़ एक नया षडयंत्र किया जा रहा है।
भाजपा के नेतृत्व को अपने गहरे चीनी संबंधों, चीनी कंपनियों द्वारा पीएम केयर्स फंड के चंदे में दी गई भारी धनराशि और चीनी व्यवसायों को बढ़ावा दिए जाने के बारे में प्रश्न पूछे जाने का भी डर है।
क्या मोदी सरकार निम्नलिखित छः सवालों के जवाब देगी:
1) क्या मोदी सरकार चीनी कंपनियों द्वारा पीएम केयर्स फंड में दिए गए सैकड़ों करोड़ रुपये के चंदे की जाँच कराएगी?
2) क्या मोदी सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को विदेशी स्रोतों, व्यक्तियों, इकाइयों, संगठनों व सरकारों से मिले चंदे एवं धनराशि की जाँच कराएगी?
3) क्या मोदी सरकार विवेकानंद फाउंडेशन, इंडिया फाउंडेशन (एवं ऐसे अन्य संगठनों) द्वारा विदेशी स्रोतों, व्यक्तियों, इकाइयों, संस्थानों एवं सरकारों सहित सभी स्रोतों से प्राप्त किए गए चंदे और धनराशि की कराएगी, जैसी जाँच के आदेश राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट एवं इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के सन्दर्भ में दिए गए हैं?
4) क्या मोदी सरकार ‘’ओवरसीज़ फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’’ के लिए फंडिंग के स्रोत, प्राप्त किए गए पैसे, चंदा देने वालों के नाम (समेत अगर चीनी मूल के डोनर्स शामिल हैं) की जाँच कराएगी? क्या श्री राजकुमार नारायणदास सबनानी उर्फ राजू सबनानी के ‘ओवरसीज़ फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ से संबंधों की भी जाँच होगी?
5) क्या मोदी सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड्स के माध्यम से 7,000 करोड़ रु. का चंदा प्राप्त करने वाले राजनैतिक दलों, जिनमें भाजपा भी शामिल है, चंदा देने वालों और लेने वालों के बीच पारस्परिक लेन-देन और लाभ पहुंचाने की जाँच के भी आदेश देगी?
6) क्या मोदी सरकार भाजपा को मिलने वाले चंदे और आय में 500 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की जाँच के आदेश देगी, जो 2015-16 में 570.86 करोड़ रु. से बढ़कर 2018-19 में 2410 करोड़ रु. हो गए हैं।
भाजपा और मोदी सरकार हमारी सीमाओं की रक्षा में विफलता, कोविड-19 से कमजोर लड़ाई व आर्थिक मंदी को रोक पाने में अपनी संपूर्ण असफलता से मुँह नहीं छिपा सकती तथा देश की जनता की ओर से उठने वाले सवालों से नहीं बच सकती।
देशवासियों को जवाब देने से कतराती हुई केंद्र सरकार के इन दुस्साहसी व दुर्भावनापूर्ण कार्यों से भारत के नागरिकों के प्रति केंद्र सरकार की जवाबदेही मांगते रहने तथा वंचित, कमजोर और असहाय लोगों की आवाज बनकर उन्हें मजबूत करने का हमारा दृढ़संकल्प और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगा।