मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वन मैन शो का एक और उदाहरण, नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को विशेष भत्ता भुगतान नहीं होना हैरानी – उपासने
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वन मैन शो का एक और उदाहरण, नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को विशेष भत्ता भुगतान नहीं होना हैरानी – उपासने
रायपुर/26 जून 2019। भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर तैनात पुलिस के जवानों के विशेष भत्ता का भुगतान नहीं होने पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने हैरत जताई कि प्रदेश सरकार ने इस संबंध में मार्च में विशेष भत्ता को जारी रखने का आदेश ही जारी नहीं किया और प्रदेश के गृह मंत्री तक इससे अनभिज्ञ हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि प्रदेश में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने बस्तर और राजनांदगांव के नौ पुलिस थाना में तैनात पुलिस जवानों के लिए तीन श्रेणियों में विशेष भत्ता देने की व्यवस्था शुरू की थी। मार्च 2019 तक जारी इस व्यवस्था को नियमित रखने के लिए मार्च में समीक्षा के बाद इस बारे में प्रदेश सरकार को नया आदेश जारी करना था। लेकिन चूंकि उक्त व्यवस्था की समीक्षा के प्रति उदासीनता के चलते विशेष भत्ता संबंधी नया आदेश जारी नहीं हुआ, अतः अप्रैल माह से नक्सल मोर्चे पर तैनात पुलिस जवानों को विशेष भत्ता का भुगतान नहीं हो रहा है। श्री उपासने ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू इस बारे में किसी तरह की जानकारी उन्हें होने से इंकार कर रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार एक ओर नक्सलवाद से जूझने की बात करती है जबकि दूसरी तरफ नक्सल मोर्चे पर तैनात पुलिस जवानों का मनोबल गिराने का काम कर रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर राजनीतिक दुराग्रह से प्रेरित होकर फैसले लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वन मैन शो चला रहे हैं और उनके मंत्रियों तक को उनके फैसलों की न तो जानकारी दी जा रही है और न ही मंत्रियों को विभागीय स्तर पर कोई निर्णय लेने की छूट है। यह कांग्रेस में अंदरूनी तौर पर चल रहे सत्ता-संघर्ष का एक और उदाहरण है तथा मुख्यमंत्री हर फैसले खुद लेकर वन मैन शो की राजनीतिक संस्कृति को थोपने पर आमादा हैं, जिसके चलते प्रदेश के पुलिस जवानों को अब यह संशय है कि उन्हें यह विशेष भत्ता मिलेगा या नहीं? श्री उपासने ने इस बारे में तत्काल निर्णय लेकर पुलिस जवानों का विशेष भत्ता नियमित जारी रखने की मांग की है।