जुमलों और आंकड़ों की बौछार लेकिन राहत का पता नहीं : रमेश वर्ल्यानी
जुमलों और आंकड़ों की बौछार लेकिन राहत का पता नहीं
सूट बूट का इकोनामिक पैकेज : सार्वजनिक उपक्रम निजी हाथों में
रायपुर / 17 मई 2020 । कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य जाने-माने आर्थिक विशेषज्ञ और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित 2000000 करोड रुपए के आर्थिक पैकेज के अंतिम चरण में पुरानी घोषणाओं को ही नई पैकेजिंग में प्रस्तुत किया है जिसमें से अधिकांश घोषणाएं करोना संकट के पूर्व की है। आज भी वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों किसानों छोटे कारोबारियों के रोजगार पर आई आफत पर राहत देने की कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई सिर्फ 10 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा में 40000 करोड रुपए अतिरिक्त जारी करने की घोषणा की । आज भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पूरा फोकस कारपोरेट घरानों पर था जिनके सार्वजनिक उपक्रमों के क्षेत्रों में प्रवेश के सारे दरवाजे खोल दिए गए हैं । सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाथों में देने के लिए जल्द ही नई नीति बनाने जा रही है।
आत्मनिर्भर भारत के नाम पर सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपना एक अजूबा प्रयोग
वर्ल्यानी ने कहा है कि सार्वजनिक उपक्रमों ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में शानदार भूमिका निभाई है चाहे भिलाई स्टील प्लांट नवरत्न पेट्रोलियम कंपनियां भारतीय जीवन बीमा निगम ओएनजीसी भारतीय रेल बंदरगाह विमानतल इनकी एक लंबी फेहरिस्त है जो देश को लगातार मुनाफा भी देती आई है और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने का काम भी कर रही है लेकिन मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही कुछ पूंजीपति घरानों को लाभान्वित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को सौंपना चाहती थी अब करो ना संकट के बहाने इसे अंजाम दिया जा रहा है आज वित्त मंत्री ने खुलेआम ऐलान किया कि इसके लिए जल्द नीति बनाई जाएगी मोदी सरकार ने बीएसएनएल को बर्बाद कर रिलायंस जिओ को बढ़ावा दिया फॉर्च्यून 500 कंपनी इंडियन ऑयल ओएनजीसी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है . रक्षा उत्पादन की अग्रणी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से राफेल कॉन्ट्रेक्ट छीनकर 10 दिन पहले बनी रिलायंस डिफेंस को दिया गया। कंपनी कानून में संशोधन कर कंपनी आर्थिक अपराधों और अन्य तथ्यों के लिए आपराधिक मुकदमों से मुक्ति के प्रावधान किए जाने की घोषणा मोदी सरकार का चरित्र उजागर करती है ।
वर्ल्यानी ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं रेडियो टीवी के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था या ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम समय की आवश्यकता है लेकिन मोदी सरकार की प्राथमिकता में यह सब नहीं है।