मनरेगा से मिलते ही काम श्रमिकों के चेहरों पर छा रही मुस्कान….नहर लाईनिंग और जीर्णोंद्धार कार्य से कृषि का बढ़ेगा दायरा
रायपुर, 24 अप्रैल 2020/ छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य मिलने से श्रमिकों के चेहरों पर मुस्कान छा रही है। जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों के लाईनिंग और जीर्णोंद्धार का कार्य किया जा रहा है। जिले के नौ जलाशयों के लगभग 799 हेक्टेयर क्षेत्र को पुनः स्थापित किया जा रहा है। इसी कड़ी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों से नियोजित श्रमिकों को काम दिलाकर आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा रहा है। नहरों के जीर्णोंद्धार कार्य से जहां किसानों में खुशी है, वहीं नहरों की सिंचाई योजना से कृषि के लिए उन्हें पर्याप्त पानी मिल सकेगा। जिससे कृषि क्षेत्र का दायरा भी बढ़ेगा।
जल संसाधन बीजापुर के अंतर्गत अब तक 24 तालाब, व्यपवर्तन योजना 03, उदवहन सिंचाई योजना 01, नहर विस्तार 01 कुल मिलाकर 29 सिंचाई निर्मित योजनाओं में कई नहर तथा कई जलाशयों के स्लूज गेट क्षतिग्रस्त होने से जल रिसाव वाली स्थिति निर्मित हो रही थी। मनरेगा योजना अंतर्गत और कन्वर्जेस के मद से भैरमगढ़ विकासखण्ड स्थित कोडोल एवं मिरतुर जलाशय के 3.80 किलोमीटर, विकासखण्ड बीजापुर स्थित दोगोली, ईटपाल एवं पापनपाल जलाशय के लिए 2.60 व विकासखण्ड भोपालपटनम् स्थित वरदली, दमपूर एवं सकनापल्ली जलाशय के 3.40 किमी. नहरों में 49 कार्यों के कुल 9.80 किमी. में सी.सी. लाईनिंग कार्य प्रथम चरण का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। द्वितीय चरण में ईटपाल, पापनपाल एवं मिरतुर तालाब में क्षतिग्रस्त जलद्वार को तोड़कर नई जल द्वार का निर्माण कार्य किया जा रहा है। वर्तमान परिदृश्य में नोवल कोरोना वायरस की महामारी के चलते लॉकडाउन की स्थिति में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना श्रमिकों के आर्थिक सुदृढी़करण में सहायक साबित हो रहा है। इस विषम परिस्थिति में कार्य के दौरान श्रमिकों द्वारा शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है। इन कार्यों में लगे श्रमिकों को कार्य स्थल पर मास्क व हाथ सफाई के लिए साबुन और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है।