देवभोग सीमा से 12 किमी की दूरी पर मिले कोरोना मरीज 246 लोगों के सम्पर्क में था….144 उल्लंघन पर सीधे एफआईआर
जानकारी लगने के बाद अब स्थानीय प्रशासन सतर्क है
ओड़िशा हॉस्पिटल से भी लौटने वालों को अब क्वारेंटाइन में रखा जाएगा
गरियाबंद। देवभोग सीमा से 12 किमी की दूरी पर मिले कोरोना मरीज 246 लोगों के सम्पर्क में था। जानकारी लगने के बाद अब स्थानीय प्रशासन सतर्क है। ओड़िशा हॉस्पिटल से भी लौटने वालों को अब कोरोटाइन में रखा जाएगा। सार्वजनिक स्थलों के अलावा प्रत्येक सरकारी दफ्तर को सेनेटाइज किया जाएगा।
पड़ोसी राज्य कालाहाण्डी में मिले कोरोना के मरीज और उसके 246 लोगों के सम्पर्क की सूचना को स्थानीय प्रशासन गम्भीरता से ले रही है। कलेक्टर श्याम धावडे आज देवभोग आकर इससे निपटने की रणनीति बनाने वाले थे, अपरिहार्य कारणों से नहीं पहुंचे।
एसडीएम भूपेंद्र साहू ने ब्लॉक के विभागीय अफसरो की बैठक जनपद में लिया। बैठक में तय किया गया कि जो व्यक्ति ओड़िशा अस्पताल से लौटेगा उन्हें भी क्योरेंटाईन में रखा जाएगा।
एसडीएम ने पंचायत व स्वास्थ्य विभाग को उनकी पहचान करने कहा है जो पिछले एक माह के भीतर ओड़िशा गए हुए थे, जो पहले से होम आइसोलेशन में है उन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। सभी शासकीय दफ्तर एवं सार्वजनिक स्थलों को सेनेटाइज करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में सीईओ एमएल मंडावी, तहसीलदार बीएल कुर्रे, बीएमओ सुनील भारती, थाना प्रभारी सत्येन्द श्याम, बाईओ प्रदीप शर्मा, प्रमूख रूप से उपस्थित थे।
अब 144 उल्लंघन पर सीधे एफआईआर
पहले 144 के उल्लंघन पर केवल समझाइश दी जा रही थी, बैठक में कहा गया कि धारा 144 के उल्लंघन करने वालों पर अब सीधे एफआईआर दर्ज करें। बैंक, गैस गोदाम व राशन दुकानों में कोटवार व पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगेगी जो अनिवार्य रूप से सोशल डिस्टेन्स का पालन करवाएंगे। इसके लिए सघन रूप से जागरूकता लाने में जनप्रतिनिधि, सामाजिक, समाज सेवी संस्था के लोगों से अपील किया गया है।
सरकार के प्रचार अभियान को तेज करने शिक्षकों की मदद लेने का निर्णय लिया गया। विकास खण्ड स्तर पर बनाये गए कंट्रोल रूम का नम्बर 8815829322 को सार्वजनिक कर कहा गया है। आमजन को समस्या होने पर इस नम्बर पर सीधा संपर्क करें।
जन्म मृत्यू पंजीयन का करें अवलोकन
एसडीएम ने स्वास्थ्य व पंचायत विभाग के अफसरों को जन्म मृत्यू पंजीयन के रिकार्ड का अवलोकन कर उसकी समीक्षा कर यह जानने को कहा कि कही कोई प्रत्याशित परिवर्तन तो नहीं आया। स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध इमरजेंसी वाहनों की समीक्षा, सेनेटाइजर एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता की भी पड़ताल बैठक में किया गया।