अभी पामगढ़ विधायक के पति और ससुर के खिलाफ FIR का मामला थमा भी नहीं था कि बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय के खिलाफ बिलासपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। दरअसल सरकार के मंशानुरूप वे अपने बंगले पर मजदूरों को अनाज बांट रहे थे कि अचानक मजदूरों की भीड़ आ गई जो लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन था, इसलिए पुलिस ने विधायक के खिलाफ ही FIR दर्ज कर दिया। हालांकि इस मामले को लोग कांग्रेस के अंदरूनी गुटबाजी से भी जोड़कर देख रहे हैं।
बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय पिछले दो दिनों से अपने बंगले पर उन मजदूरों को अनाज की व्यवस्था कर रहे थे जो लॉक डाउन की वजह से शहर में फंसे हुए हैं। लेकिन रविवार को उनके बंगले पर अनाज लेने वालों की भीड़ बढ़ गई। मजदूरों का हुजूम उमड़ पड़ा। मजदूरों ने न तो सोशल डिस्टेनसिंग के नियमों का पालन किया और न ही लॉक डाउन के आदेशों की परवाह की। ऐसे में वहां पुलिस ने पहुंचकर भीड़ हटाया और विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
विधायक शैलेष पाण्डेय ने मीडिया को बताया कि जब उन्होंने अचानक भीड़ देखा तो उन्होंने खुद ही पुलिस को फ़ोन कर बुलाया । यदि मजदूरों ने लॉक डाउन के नियमों को तोड़ा और सड़क पर आए तो पुलिस ने उन्हें क्यों नहीं रोका ? पुलिस की पहली जिम्मेदारी उनके रोकने की बनती है। हालांकि पार्टी के गुबाजी के कारण FIR संबंधी सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
इससे पहले भी कई मौके पर बिलासपुर विधायक की बेचारगी सामने आ चुकी है। वे भले विधायक हैं लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री के कार्यक्रम तक में बैठने नहीं दिया गया, जबकि प्रोटोकॉल के हिसाब से उन्हें मंच पर जगह मिलनी चाहिए थी। उनके कई कार्यक्रमों में भी इस गुटबाजी का प्रभाव दिख चुका है। बहरहाल अब विधायक पर IPC की धारा 188, 269 सहित अन्य धारा के तहत मामला दर्ज हो चुका है।