जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा पत्र
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. पत्र में जोगी और सिंह ने छत्तीसगढ़ में टोटल लॉकडाउन, वैधानिक वैतनिक अवकाश, अंतर्राज्यीय बॉर्डर सील, बाहरी, बीमार और बूढ़ों की जाँच, ब्लॉक-स्तरीय आईसोलेशन सेंटर शुरू, ESMA क़ानून लागू, स्वास्थ कर्मियों का प्रशिक्षण और तीन बिंदुओं पर प्रचार-प्रसार करने की 8-सूत्री माँगे रखीं।
मुख्यमंत्री के नाम की चिट्ठी….
प्रति,
श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़ शासन
विषय: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिएटोटल लॉकडाउन, वैधानिक वैतनिक अवकाश, अंतर्राज्यीय बॉर्डर सील बाहरी, बीमार और बूढ़ों की जाँच, ब्लॉक-स्तरीय आईसोलेशन सेंटर शुरू, ESMA क़ानून लागू, स्वास्थ कर्मियों का प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार करने हेतु 8 माँगे।
माननीय महोदय,
आज छत्तीसगढ़ का पहला कोरोना संक्रमित व्यक्ति रायपुर में पाया गया है। इस से पूरे प्रदेश के लोग चिंतित हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का अनुरोध है कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए आपकी सरकार निम्नलिखित 8 माँगों पर गम्भीरता से विचार करेगी:
(1) टोटल लॉकडाउन: यूरोपी राष्ट्रों की गलतियों से सीख लेते हुए तत्काल सभी बड़े समारोहों और भीड़ के जमावड़े (मनोरंजन और शैक्षणिक संस्थान तथा विवाह और अंतिम संस्कार जैसे सामाजिक आयोजन) पर प्रदेशव्यापी प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए; प्रदेश के सभी नागरिकों पर, आपात-स्थिति के अलावा, अपने-अपने घरों से बाहर जाने पर रोक लगा देनी चाहिए; और राशन (खाद्य-सामग्री) और दवाई दुकानों को छोड़कर सभी भोजनालयों (रेस्टोरेंट), मदिरालयों (बार), दुकानों और व्यवसायिक संस्थानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए। इस लॉकडाउन से लोगों को कष्ट और नुक़सान- जरूर होगा लेकिन प्रदेश के लाखों लोगों की जान भी बचेगी।
(2) वैधानिक वैतनिक अवकाश: अगले दो महीनों तक सभी गैर-आपातकाल (non-emergency) संस्थानों और सेवाओं को बंद कर दिया जाना चाहिए किंतु कोरोना संक्रमण के कारण शासकीय और ग़ैर- शासकीय क्षेत्र के किसी भी संविदा अधिकारी, कर्मचारी अथवा मज़दूर की सेवा समाप्ति पर प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें वैधानिक वैतनिक अवकाश देने का इसी सत्र में अधिनियम पारित किया जाए। जहाँ तक संभव हो पाए, लोगों को अपने घरों से ही इंटरनेट, मोबाईल, ई-मेल और विडीओ-लिंक के माध्यम से अपना कार्य करने की सुविधा दी जानी चाहिए।
(3) अंतर्राज्यीय बॉर्डर सील: देश में सबसे ज्यादाकोरोना से प्रभावितों की संख्या छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र में है, इसलिए छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बार्डर के साथ-साथ सभी अंतर्राज्यीय बॉर्डर को सील कर दिया जाना चाहिए।
(4) बाहरी, बीमार और बूढ़ों की जाँच: रायपुर हवाई अड्डे, और प्रदेश के सभी रेल्वे और अंतर्राज्यीय बस स्टेशनों में न केवल राष्ट्र बल्कि राज्य के बाहर से आए आगंतुकों का, तथा बुख़ार, उच्च रक्तचाप, डाईबीटीज, डायलिसीस, गठिया, सर्दी और सूखी खाँसी आदि बीमारियों से ग्रसित लोगों का, और 70 वर्ष की आयु से अधिक वृद्धजनों की कोरोना की जाँच अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। साथ ही साउथ कोरिया राष्ट्र की तर्ज़ पर सभी संक्रमित लोगों के पिछले 1 महीने के मूवमेंट को सार्वजनिक करते हुए उनसे सम्पर्क में आए सभी व्यक्तियों की भी जाँच करना आवश्यक है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में टेस्ट-किट्स का भंडारण आवश्यक है।
(5) ब्लॉक मुख्यालय में आईसोलेशन सेंटर: ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में हर ब्लॉक मुख्यालय में आईसोलेशन सेंटर तैयार किए जाना चाहिए जहाँ संक्रमित लोगों को उपचार हेतु अलग से रखने की सुविधा रहे।
(6) ESMA क़ानून के अंतर्गत ‘आवश्यक सामग्री’ प्रदेश के नागरिकों के लिए हैंडवाश और सेनेटायज़र; स्वास्थ कर्मियों के लिए हैजमेट सूट, टेस्ट किट और P-100 फेस मास्क; और संक्रमित मरीज़ों के इलाज के लिए चयनित 7 दवाइयाँ- Chloroquine, Kaletra (ritonavir+lopinavir), Interferon alfa-2b, Remdesivir, Favipiravir, Actemra (tocilizumab), Kevzara (sarilumab)- और 1% संक्रमित लोगों के हिसाब से साँस लेने की मशीन (वेंटिलेटर और रेस्परेटर) को ESMA क़ानून के अंतर्गत ‘आवश्यक सामग्री’ घोषित करके सरकार को उनका पर्याप्त मात्रा में भंडारण जल्द से जल्द कर लेना चाहिए ताकि उनकी काला बाज़ारी न हो सके। साथ ही, प्रदेश में इनके उत्पादन की सम्भावनाओं को प्रोत्साहित करना होगा।
(7) स्वास्थ कर्मियों का प्रशिक्षण: सरकार को प्रदेश के सभी शासकीय और निजी क्षेत्र के डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य-कर्मियों और जीव-विज्ञान से सम्बद्ध सभी विषयों के स्नातकों को युद्धस्तर पर अनिवार्य रूप से सर्वप्रथम WHO द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित करना होगा और प्रशिक्षण उपरांत, उनको हैजमेट सूट और P-100 फ़ेस मास्क के माध्यम से सुरक्षित रखते हुए, लोगों की जांच और उपचार के लिए प्रदेश की सभी बसाहटों में चरणबद्ध तरीके (घनी और गरीब बस्तियों में पहले) से लामबंद किया जाना चाहिए।
(8) प्रचार-प्रसार: सबसे महत्वपूर्ण, सभी निजी और सरकारी प्रचार-प्रसार तंत्र का उपयोग केवल जनमानस को 3 ही संदेश देने के लिए किया जाए:
“जहाँ तक सम्भव हो अपने घर ही रहें,
सार्वजनिक स्थानों में एक दूसरे के बीच 6 फ़ीट की दूरी रखें और
बिना साबुन से हाथ धोए, आप अपने चेहरे- आंख, नाक और मुँह- को न छुएँ।“
सादर,
भवदीय,
Sd/-
(अमित जोगी) (धरमजीत सिंह)