समाचार दिव्यांगजनों की आवासीय संस्थाओं, वृद्धाश्रम, दिवा देखभाल केन्द्र, हाफ वे होम, प्रशामक देखरेख गृह में निवासरत आवासीय हितग्राहियों में संक्रमण रोकने और संक्रमण की अवस्था में नियंत्रण करने दिशा-निर्देश 31 मार्च तक किसी भी नए हितग्राहियों को संस्था में ना

समाचार दिव्यांगजनों की आवासीय संस्थाओं, वृद्धाश्रम, दिवा देखभाल केन्द्र, हाफ वे होम, प्रशामक देखरेख गृह में निवासरत आवासीय हितग्राहियों में संक्रमण रोकने और संक्रमण की अवस्था में नियंत्रण करने दिशा-निर्देश 31 मार्च तक किसी भी नए हितग्राहियों को संस्था में ना

 

दें प्रवेश रायपुर 18 मार्च 2020/ देश में कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलों को दृष्टिगत रखते हुए वायरस से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार और नियंत्रण के लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 तथा माता-पिता, वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण, कल्याण अधिनियम 2007 के अंतर्गत राज्य में पंजीकृत दिव्यांगजनों की आवासीय संस्थाओं, वृद्धाश्रम, दिवा देखभाल केन्द्र, हाफ वे होम, प्रशामक देखरेख गृह में निवासरत आवासीय हितग्राहियों में संक्रमण रोकने तथा संक्रमण की अवस्था में नियंत्रण के लिए शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि संस्था में पृथक से आइशोलेशन वार्ड स्थापित करें। हितग्राहियों में लक्षण पाए जाने पर उन्हें पृथक से इस वार्ड में चिकित्सीय देखभाल में रखा जाए। संस्था में 31 मार्च तक किसी भी नए हितग्राही को प्रवेश ना दिया जाए। आकस्मिक स्थिति में हितग्राही का गहन परीक्षण उपरांत ही प्रवेश दिया जाए। समाज कल्याण विभाग मंत्रालय महानदी भवन से आज संचालक समाज कल्याण, सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिले के संयुक्त एवं उप संचालक समाज कल्याण को जारी दिशा-निर्देशानुसार आवश्यक कार्रवाई करने कहा गया है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इन संस्था में निवासरत हितग्राहियों को बार-बार साबुन एवं साफ पानी से कम से कम 40 सेकेण्ड तक हाथ धोने के लिए प्रेरित किया जाए। संस्था में निवासरत हितग्राहियों को हाथ की स्वच्छता का नियमित रूप से अभ्यास कराना चाहिए और साबुन एवं साफ पानी से बार-बार हाथ धोना चाहिए। खांसते एवं छींकते समय रूमाल या कपड़े से मुंह और नाक को ढकने के लिए प्रेरित करें तथा नाक, मुंह, आंख या चेहरे को छूने से बचने की सलाह दें। यदि बच्चे बीमार हैं तो अलग कमरे में रखें और मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। उनके शरीर के तापमान की जांच नियमित रूप से करते रहे। सर्दी, खांसी या फ्लू जैसे लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बच्चों को बचाएं। साथ ही उन्हें खांसने या छींकने वाले व्यक्ति से एक मीटर की दूरी बनाए रखने के लिए सलाह दें। संस्था परिसर में कार्यरत स्टाफ या हितग्राहियों में से किसी भी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण (खांसी, बुखार या सांस लेने में कठिनाई) हो तो अविलम्ब नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या डॉक्टर के पास ले जाने की व्यवस्था करें। संस्था में निवासरत बच्चों की व्यक्तिगत स्वच्छता और आवासीय स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए, जैसे – नियमित रूप से कपड़ों को धोना, कमरों की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों एवं इसके संभावित खतरों की जानकारी आवासीय हितग्राहियों को आवश्यक रूप से प्रदान की जाए। हितग्राहियों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे – पार्क, मॉल, बाजार आदि ले जाने से बचे। नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव के लिए जिले की संयुक्त संचालक, उप संचालक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी निरंतर स्थिति पर नियंत्रण रखकर अभिलेख संधारित करें। कोरोना वायरस के लक्षण होने पर टोल फ्री नम्बर 104 पर तत्काल संपर्क करें।

The News India 24

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