जल संकट पर जल संसाधन मंत्री कर रहे हैं मंथन….धतमरी स्थित विभिन्न जलाशयों का निरीक्षण किया

जल संकट पर जल संसाधन मंत्री कर रहे हैं मंथन….धतमरी स्थित विभिन्न जलाशयों का निरीक्षण किया

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गर्मी के पूर्व जल संकट को देखते हुए मंथन शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में गुरुवार को जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे अधिकारियों के साथ धमतरी पहुँचे. उन्होंने धतमरी स्थित विभिन्न जलाशयों का निरीक्षण किया. इसमें जिले में स्थित मुरूमसिल्ली जलाशय, रविशंकर जलाशय तथा रूद्री बैराज सहित अन्य बांध शामिल है.  जिले में स्थित मुरूमसिल्ली जलाशय एशिया का सर्वप्रथम सायफन पद्धति से निर्मित बांध है. यहाँ पहुँचने पर मंत्री ने जलाशय के भर जाने पर स्वचालित गेट खुलने के संबंध में अधिकारियों से तकनीकी एवं व्यावहारिक जानकारी ली.  इसके बाद वे रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) पहुंचे, जहां पर जलाशय का पानी छोड़ने के लिए बनाए गए रेडियल गेट के स्ट्रक्चर का अवलोकन किया. साथ ही जलाशय की जलभराव क्षमता, यहां के पानी से लाभान्वित होने वाले जिले तथा रकबा के बारे में जानकारी ली.

अधीक्षण अभियंता ने बताया कि वर्तमान में गंगरेल जलाशय में जलभराव का प्रतिशत 76.62 है एवं रबी फसल के लिए रूद्री बैराज के माध्यम से मुख्य नहर की वितरक शाखाओं के जरिए पानी छोड़ा जा रहा है. इसके अलावा मुरूमसिल्ली जलाशय में 39 प्रतिशत, दुधावा में 54.24 प्रतिशत तथा सोंढूर जलाशय में 69.77 प्रतिशत जलभराव वर्तमान में है. वहीं मंत्री चौबे रुद्री बैराज भी पहुँचे. यहाँ डॉ. खूबचंद बघेल के नामकरण को लेकर क्या तैयारी हुई इसकी जानकारी भी. साथ 1913 में निर्मित ब्रिटिशकालीन बैराज की भी जानकारी ली.

मंत्री चौबे ने इस दौरान गंगरेल जलाशय स्थित विश्राम गृह में कृषि, पशुपालन, मछलीपालन तथा उद्यानिकी विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों की संक्षिप्त बैठक लेकर जिले में नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के क्रियान्वयन के संबंध में विभागीय गतिविधियों एवं कार्यप्रगति की जानकारी ली. उन्होंने धमतरी जिले को कृषि उत्पादन में उत्कृष्ट जिला निरूपित करते हुए किसानों को शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का अनिवार्य रूप से लाभ पहुंचाने तथा सुराजी गांव योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए. उन्होंने सुराजी गांव योजना पर आधारित विभागीय गतिविधियों को अंतिम छोर पर स्थित व्यक्ति तक पहुंचाने नवाचार एवं हरसम्भव प्रयास करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.

निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता जयंत पवार, मुख्य अभियंता के.एस. ध्रुव, अधीक्षण अभियंता विरेन्द्र तिवारी सहित कार्यपालन अभियंता के.के. मिश्रा, अनिल पालड़िया सहित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

The News India 24

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