राम-राम, पालागी और जोहार हमारी परंपरा, इससे वायरस के खतरे से बचते हैं…. मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ डड़सेना कलार समाज के सम्मेलन में कहा….हैंड शेक अंग्रेजों की परंपरा, अभिवादन की हमारी परंपरा स्वास्थ्यगत दृष्टिकोण से सुरक्षित, कोरोना वायरस की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, घबराये नहीं, सर्दी-बुखार होने पर कराए परीक्षण
रायपुर, 8 मार्च 2020/ राम-राम, पालागी और जोहार अभिवादन की हमारी परंपराएं हैं जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी उपयोगी हैं। कोरोना जैसे वायरस जो हाथों का स्पर्श करने से फैलते हैं उनसे बचने के लिए अभिवादन का यह तरीका बहुत उपयोगी है। हैंडशेक अंग्रेजों की परंपरा है। अपनी परंपरा बहुत समृद्ध है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के जामगांव एम में आयोजित छत्तीसगढ़ डड़सेना कलार समाज के कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में समाज के भवन के शेड के लिए 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि किसानों को धान खरीदी की शेष राशि 1 अप्रैल से मिलनी आरम्भ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने किसानों से वायदा किया था कि 2500 रुपये धान खरीदी का देंगे। इस वायदे को पूरा करने और शेष 685 रुपये की राशि प्रदान करने राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की जा रही है। किसानों का हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल किसानों का 83 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है। प्रदेश के धान उत्पादक किसानों के हितों को बढ़ावा देने हमने केंद्र से धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति चाही है जो अभी तक मिल नहीं सकी है। अनुमति मिल जाती है तो धान का बेहतर मूल्य तो किसानों को मिलेगा ही, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को सुपोषित करना और उन्हें अच्छी शिक्षा देना हम सबकी अहम जिम्मेदारी है। इस दिशा में कार्य कर ही हम नई पीढ़ी का उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।
सामूहिक विवाहों को करें प्रेरित- मुख्यमंत्री ने समाज के पदाधिकारियों से सामूहिक विवाह जैसे आयोजन करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अभी हरदीहा साहू समाज ने इस दिशा में अच्छी पहल की है और समाज के सदस्यों से सामूहिक विवाह में ही शादी कराने का संकल्प लिवाया। इसके लिए गांव-गांव में बैठक उन्होंने ली है। इससे काफी बचत होती है जिसे बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए निवेश कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी साइंस कॉलेज प्रांगण में शासन ने ऐसा ही आयोजन किया था।