फेक न्यूज पर धरमलाल कौशिक की तकलीफ असामान्य नहीं है : शैलेश नितिन त्रिवेदी
रायपुर/07 मार्च 2020। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब भी फेक न्यूज पर कार्यवाही की बात होगी तो भाजपा को सबसे पहले पीड़ा होगी। फेक न्यूज बनाने और फैलाने में भाजपा को महारत हासिल है। फेक न्यूज फैलाना पत्रकारिता नहीं है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक जी की पीड़ा का कारण पूरा प्रदेश समझ रहा है। फर्जी खबरों, फोटाशॉप की हुयी विकृत तस्वीरों और झूठ की राजनीति करने वाली भाजपा के नेता को झूठी खबरों से पीड़ा होना स्वाभाविक है। इसलिये धरमलाल कौशिक जी को जरूर इससे खतरा महसूस हो रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मतदान की पूर्व संध्या पर किसानों का कर्जमाफ नहीं होगा इस तरह की फेक न्यूज भाजपा ने ही फैलाई थी।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पुण्य प्रसून बाजपेई से लेकर प्ररंजय गुहा ठाकुर तक पत्रकारों को प्रताड़ित करने और हटाने का मामला जगजाहिर किसके कहने से हटाया गया और कैसे हटाया गया है। यह पूरा देश जानता है। भाजपा का 15 साल का कार्यकाल छत्तीसगढ़ के लोग और छत्तीसगढ़ के पत्रकार भूले नहीं है। पत्रकारों की नौकरी खाने, पत्रकारों के परिजनों की पत्नियों की नौकरी खाने, पत्रकारों पर एफआईआर, पत्रकारों की प्रताड़ना भारतीय जनता पार्टी का 15 साल का काला इतिहास रहा है। झूठी खबरों को फैलने से रोकने के लिए अफवाह को फैलने से रोकने का तो हर व्यक्ति स्वागत करेगा।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के पत्रकार जगत के स्वतंत्रता के लिए कांग्रेस पार्टी की सरकार प्रतिबद्ध है। कौशिक जी जरा भाजपा का 15 साल की पत्रकार विरोधी आचरण पर झांक कर देखें।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा शासनकाल में जनसंपर्क विभाग से मुख्यमंत्री के पुत्र का बयान बंटवाने और छपवाने वाली भाजपा कांग्रेस को उपदेश देने का काम न करे। एकात्म परिसर में अनिल जैन की पत्रकारवार्ता में जो कुछी भी हुआ, उसे छत्तीसगढ़ के लोग भूले नहीं है। 15 साल के भाजपा शासनकाल में संपादकों और पत्रकारों पर खुलेआम सत्ता के संरक्षण में हमले किये जाते रहे। पत्रकारों और जनप्रतिनिधियों पर हमले और उनका अपमान कर भाजपा शासनकाल में 15 साल लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं पर कुठाराघात किया जाता रहे। 15 साल भाजपा के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में न पत्रकार सुरक्षित रही और न ही प्रेस की स्वतंत्रता। पत्रकारों पर लगातार हमले और झूठे मामलों में उन्हें फंसाने की घटनायें छत्तीसगढ़ में होती रही। प्रेस के दफ्तर तक सुरक्षित नहीं रहे। भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ में अभियव्यक्ति की आजादी खतरे में रही। सरकार और संघ के निशाने पर प्रेस और पत्रकार रहे। भाजपा के शासनकाल में पत्रकारों और प्रेस पर हमले की छत्तीसगढ़ में बढ़ती घटनायें लगातार बढ़ती रही। कांग्रेस ने समय-समय पर गहरी चिंता भी व्यक्त की। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले होते रहे। छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता जगत भाजपा शासनकाल में खतरे रहे। सत्तारूढ़ दल और उनके सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सत्ता के दंभ में पत्रकार और प्रेस के लोगों को भयाक्रांत किया।