प्रदेश में शिक्षक आर्थिक मोर्चे में अब भी कमजोर…………नवरंग ने की वेतन विसंगति को दूर करने ठोस पहल की मांग
रायपुर। गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ सरकार का आभार प्रकट करती है कि उनकी विशाल उदारता से आज एक नए युग को शुरुवात हुई और 1994 से लागू शिक्षाकर्मी प्रथा का अंत हुआ। संगठन के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ने बताया कि एक जुलाई 2020 प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मीयो का संविलियन हो जायेगा। वे सभी स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित कर्मचारी बन जायँगे। गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता है कि राज्य में पूर्व में कार्यरत लाखों शिक्षक एल बी संवर्ग की लंबी सेवा अवधि के कारण वेतन विसंगति खासकर 1998 से एक ही पद में कार्यरत व सहायक शिक्षक के वेतन में अंतर से उपजी विसंगतियों को दूर करने ठोस पहल की जरूरत है। बिना शिक्षको की आर्थिक स्थिति बदले राष्ट्र का भाग्य नही बदला जा सकता है। प्रदेश का शिक्षक आर्थिक मोर्चे में अब भी कमजोर है।
नवरंग ने बताया कि प्रदेश के नई सरकार के दूसरे बजट में सभी को उम्मीद थी कि सरकार के किये हुए सारे वादे पूरे होंगे जिसकी घोषणा नही होने से असंतोष है । जिस तरह से निम्न से उच्च पद वाले तथा सहायक शिक्षक से दो पदोन्नति का लाभ लेकर सीधे उच्च वेतन प्राप्त कर रहे है तथा पदोन्नति के अभाव में एक ही पद में सेवारत सहायक शिक्षक व व्याख्यातो के वेतन में व्यपाक अंतर से नाराज़गी है। इस पर सरकार को ठोस पहल करनी थी ,जिसका अनदेखी की गई।ज्ञात हो संघ ने लंबे संघर्ष में अपनी मांग से सरकार का ध्यान आकर्षित किया परन्तु वेतन विसंगति से पीड़ित लाखों सहायक व शिक्षक एल बी संवर्ग की उपेक्षा की गई .
गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग के प्रदेश सचिव राधेश्याम टंडन व प्रदेश उपाध्यक्ष भोलाराम मरकाम ने बजट भाषण के दौरान वेतन विसंगति को दूर करने ठोस पहल की मांग की है संघ के प्रांतीय प्रवक्ता नरेंद्र जांगड़े व बसंत जांगड़े ने स्पस्ट किया हमारा संघ पदोन्नति में अनु जाति जनजाति के प्रतिनिधित्व व संविलियन सहित वेतन विसंगति को दूर करने व पुरानी पेंसन बहाली सहित 11 सूत्रीय मांग को लेकर चरण बध्द आंदोलन कर रही है और आगामी 29 मार्च से बुढा तालाब रायपुर में अनिश्चित कालीन हड़ताल में जाने का एलान कर चुकी है।