जिन किसानों को टोकन दिए गए हैं उनका परीक्षण कर धान खरीदी की जाएगी : भूपेश बघेल
सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे परीक्षण
मुख्यमंत्री ने सदन में की घोषणा
सदन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापित की
रायपुर, 27 फरवरी 2020/ छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन पारित किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने चर्चा का जवाब देते हुए एक बार दोहराया कि किसानों को धान की प्रति क्विंटल 2500 रूपए कीमत दी जाएगी। श्री बघेल ने कहा कि जिन किसानों को टोकन दिए गए हैं उनका धान खरीदा जाएगा। हर जिले में सचिव स्तर के अधिकारी जाकर परीक्षण करेंगे और उसके बाद धान खरीदी की जाएगी।
श्री बघेल ने बताया कि बीजापुर जिले में अब तक 48 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई, लेकिन खरीदी के अंतिम दिन 16 हजार मीट्रिक टन धान समितियों में आया। राज्य सरकार के संचित निधि का उपयोग किसानों के हित में हो बिचौलियों या दलालों के नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार धान खरीदी के लिए बैंकों के साथ बाजार से भी ऋण लेगी लेकिन अपने अन्नदाता किसानों को दुखी नहीं होने देगी। चर्चा का जवाब देते हुए श्री बघेल ने कहा कि राज्यपाल ने राज्य शासन की नीतियों, नवाचारों, उपलब्धियों और जनजीवन पर पड़ने वाले उनके असर का अपने अभिभाषण में उल्लेख किया। साथ ही सदन की परंपराओं और कार्यप्रणाली की भी उन्होंने सराहना की। इसके लिए पूरा सदन उनके प्रति कृतज्ञ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में उपलब्ध अतिरिक्त धान से बायोएथेनॉल के उत्पादन संयंत्र की स्थापना हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार से अनेक बार अनुरोध कर चुकी है। प्रधानमंत्री को पत्र लिखे गए, केंद्रीय कृषि मंत्री, केन्द्रीय खाद्य मंत्री और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री से मुलाकात कर अनुरोध किया गया, लेकिन एक वर्ष के लिए अनुमति प्रदान करने की बात कही गई है। यदि कोई निवेशक एक से डेढ़ सौ करोड़ रुपए का निवेश करके एक वर्ष के लिए संयंत्र लगाता है, तो यह उसके लिए लाभप्रद नहीं होगा। यदि इथेनॉल उत्पादन की अनुमति मिलती है तो किसानों को बरसात के साथ-साथ गर्मियों के धान की भी अच्छी कीमत मिलेगी, पेट्रोलियम ईंधन पर खर्च होने वाला पेट्रो डॉलर की बचत होगी और एफसीआई पर भण्डारण का दबाव भी कम होगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में किसानों से रिकॉर्ड 83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई है। वर्ष 2018-19 में जितने किसानों ने पंजीयन कराया था उसका 92.54 प्रतिशत किसानों ने धान समर्थन मूल्य पर बेचा। इसी तरह वर्ष 2019-20 में 93.11 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015-16 में 83 प्रतिशत किसानों ने और वर्ष 2017-18 में केवल 76 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति पर कार्य कर रही है, जिससे आदिवासियों का और आम जनता का राज्य सरकार और पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। पिछले वर्ष की तुलना में नक्सली घटना 35 प्रतिशत की कमी आयी। सुरक्षाबलों की शहादत में 62 प्रतिशत की कमी और आम नागरिकों की हत्या के मामले में 48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। पिछले एक वर्ष में बड़े नक्सली या तो मुठभेड़ में मारे गए या उन्होंने आत्म समर्पण किया। प्रदेश में हुई अपहरण की घटनाओं को पुलिस ने तत्परता के साथ हल किया। रायपुर में हुई अपहरण की घटना पर पुलिस की सफल कार्रवाई की पूरे देश में सराहना की जा रही है, श्री बघेल ने इसके लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में विश्वास की बहाली के लिए बस्तर के लोहांण्डीगुड़ा के दस गांवों में 1700 किसानों को 4200 एकड़ जमीन वापस की गयी। तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा की गई और शासकीय दर पर खरीदी की जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 8 से बढ़ाकर 22 की गई। जेलों में बंद निरपराध आदिवासियों को रिहा करने के लिए जस्टिस पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत परिवार गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-व्यापन करते हैं। 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और 41 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को एनीमिया है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों और विशेषकर दंतेवाड़ा जिले में यह प्रतिशत इससे कहीं ज्यादा है। राज्य सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की है। इसी तरह मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचायी जा रही है। डीएमएफ की राशि का उपयोग अब प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार की योजनाओं में किया जाएगा। ताड़मेटला और जगरगुण्डा जैसे घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 13 वर्षों से बंद स्कूल फिर प्रारंभ हुए जहां 305 बच्चे पढ़ रहे हैं। राज्य सरकार आदिवासी अंचलों में शिक्षा रोजगार और स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था कर रही है। आदिवासियों और परंपरागत रूप से वनों में निवास करने वाले लोगों को जिनका वर्ष 2005 के पहले से कब्जा है उन्हें वनभूमि के पट्टे देने की शुरूआत फिर से की जाएगी। पंचायत चुनावों के दौरान विशेष रूप से दंतेवाड़ा और सुकमा इलाकों में एक भी नक्सली घटना नहीं हुई। चुनाव का कार्य उत्सव के माहौल में सम्पन्न हुआ। विभिन्न अपराधों में भी कमी दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसान, व्यापारी और उद्योगपति सभी सुखी हैं। उन्होंने कहा कि मार्च माह में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 27 प्रतिशत, रीयल इस्टेट के क्षेत्र में डेढ़ गुनी, टेक्सटाइल में 30 प्रतिशत, जेम्स और ज्वेलरी के क्षेत्र में 84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में किसानों का धान की खेती के तरफ रूझान बढ़ा है। इस बार ढाई लाख से अधिक किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। श्री बघेल ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे केन्द्र से छत्तीसगढ़ के सभी किसानों को किसान सम्मान निधि की पूरी राशि दिलाने के लिए पहल करे। इस योजना के लिए छत्तीसगढ़ के 23 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इसमें से 19 लाख किसानों को प्रथम किश्त तथा 18 लाख किसानों को द्वितीय किश्त की राशि मिल पायी है। अभी तक मात्र 78 हजार किसानों को इस योजना की पूरी राशि छह हजार रूपए मिले है।
श्री बघेल ने हाल ही के अपने हार्वर्ड और अमेरिका के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ियों का स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में 22 पुरस्कार, मनरेगा में 7, प्रधानमंत्री आवास योजना में 9 पुरस्कार मिले। आकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला अव्वल रहा। कुपोषण मुक्ति में कोण्डागांव अव्वल रहा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के क्षेत्र में स्टॉर्ट-अप में छत्तीसगढ़ पुरस्कृत हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने भाषण में संत कवि पवन दीवान की कविता भी पढ़ी:-
ओ दुनिया के पापी लोगों
मेरी गंगा में स्नान करो
मेरे सुख से है जलन अगर
चुल्लू भर जल में डूब मरो
मेरी मां-बहनों के सिर पर
यह शांति सत्य की गागर है
खारी मीठी नदियां मिलतीं
मेरा भारत एक सागर है
हम कालजयी हैं, वीर पुरूष
चलता रहता है यज्ञ-समर
हम राम, युद्ध करके हमसे
कितने रावण हो गये अमर
वेदान्त हमारा स्वाभिमान
शिष्टता हमारी सीता है
हर शब्द हमारा सिद्ध मन्त्र
हर सांस हमारी गीता है