नोटबंदी के बाद अब फिर नोटों पर ‘मोदी’ सरकार की नज़र, 10 लाख या उससे अधिक कैश निकाला तो देना पड़ सकता है टैक्स!

मोदी 2.0 सरकार एक और बड़े फ़ैसले की तैयारी में

नई दिल्ली। चुनाव के मौसम में नोटबंदी भले ही मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा मामला रहा हो, लेकिन अपने फैसले को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाली मोदी सरकार एक बार फिर बैंकों के नजरिए से एक बड़ा फैसला करने वाली है। अब आपको अगर नगदी लेनदेन करना है, तो जरा सोच समझ कर करना पड़ेगा, वरना सरकार आपसे टैक्स ले लेगी। पढ़िए यह काम की रिपोर्ट।

देश में डिजिटल लेने-देन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर रही है। अब अगर सालभर में 10 लाख रुपए तक की नगदी बैंक से निकाली जाती है तो इसपर आपको टैक्स देना पड़ेगा। सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि जो लोग 10 लाख रुपए तक का कैश निकालते हैं उनसे टैक्स लिया जाए। इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा यह भी है कि कम से कम नगदी का इस्तेमाल हो और काले धन का लेनदेन बंद हो। ऐसे में सरकार का यह फैसला कई मायनों में कारगर साबित हो सकता है।

प्रमाणीकरण की जरूरत

सरकार के सूत्रों की मानें तो सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि जो भी हाई वैल्यू निकासी होती है उसके लिए आधार कार्ड के प्रमाणीकरण के आधार पर किया जाए।

हालांकि यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। एक अधिकारी ने बताया कि मनरेगा का लाभ लेने वालों को आधार प्रमाणिकता की आवश्यकता होती है, लेकिन पांच लाख रुपए तक नगदी निकालने वालों को ऐसा करने की जरूरत नहीं होती है।

सरकार का तर्क

सरकार का तर्क है कि अधिकतर लोगों को निजी तौर पर और व्यापार के लिए 10 लाख रुपए तक की नगदी निकालने की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में सरकार इस बात का प्रावधान कर सकती है कि जो लोग 10 लाख रुपए से अधिक की नगदी निकालते हैं उनसे अतिरिक्त कर वसूला जाए। बहरहाल इस बाबत अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और इसकी रूपरेखा पर विचार किया जा रहा है।

बजट की तैयारी

आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार नई सरकार का पहला बजट पेश करेंगी। इसके लिए उन्होंने परामर्श प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। 11 जून से 23 जून तक निर्मला सीतारमण तमाम अर्थशास्त्रियों, बैंक अधिकारियों, वित्तीय संस्थानों, उद्योग मंडल आदि से उनके सुझाव लेंगी। इसके साथ ही तमाम राज्य बजट को लेकर 20 जून को जीएसटी परिषद की बैठक में अपने सुझाव दे सकते हैं। इससे पहले राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय उद्योग मंडलों का परामर्श ले चुके हैं।